कोरोना वैक्सीनेशन में खत्म की जाए उम्र की सीमा, केजरीवाल-गहलोत ने PM को लिखा पत्र

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने लिखा कि देश भर में नए सिरे से कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने नई चिंता और चुनौती पेश कर दी है. इसलिए टीकाकरण अभियान को और तेजी से आगे बढ़ाना होगा.

Advertisement
कोरोना वैक्सीनेश में तेजी लाने की मांग की (फाइल फोटो) कोरोना वैक्सीनेश में तेजी लाने की मांग की (फाइल फोटो)

पंकज जैन / देव अंकुर

  • नई दिल्ली/जयपुर,
  • 05 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST
  • देश में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
  • वैक्सीनेशन के लिए खत्म हो उम्र की बाध्यता

पूरे देश में कोरोना की लहर देखने को मिल रही है. इस वजह से सभी राज्य सरकारें काफी सख्ती भी दिखा रही हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को खत लिखा है. उन्होंने लिखा कि देश भर में नए सिरे से कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने नई चिंता और चुनौती पेश कर दी है. हमें टीकाकरण अभियान को और तेजी से आगे बढ़ाना होगा. दिल्ली सीएम ने टीकाकरण केंद्र खोलने की शर्तो में छूट व टीकाकरण की उम्र सीमा बाध्यता हटाने की भी मांग की है. 

Advertisement

उन्होंने लिखा कि नए केंद्र खोलने के नियमों को सरल किया जाता है और सभी को टीका लगाने की इजाजत दी जाती है, तो दिल्ली सरकार सभी दिल्लीवासियों को तीन महीने में टीका लगा सकती है.

राजस्थान सीएम ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र सरकार से कोरोना टीकाकरण को लेकर उम्र की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है. उन्होंने सभी उम्र के लोगों को टीका लगवाने की इजाजत मांगी है. उन्होंने लिखा, 'कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है. इसे रोकने के लिए जरूरी है कि सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाए. मैं आदरणीय प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि उम्र की बाध्यता खत्म करें और सभी लोगों को कोरोना का टीका लगवाने की इजाजत दें.'

Advertisement

उन्होंने मांग की है कि सरकारी संस्थाओं के साथ साथ प्राइवेट संस्थानों में भी कोरोना का टीका लगवाने की इजाजत दी जाए. राजस्थान स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 45 साल उम्र तक के दो करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए रोज सात लाख लोगों का वैक्सीनेशन करना होगा. मंत्रालय ने कहा कि इस बार राज्य में कोरोना के ज्यादातर मामले बिना लक्षण वाले या फिर कम लक्षण वाले हैं. इसका मतलब है कि गंभीर लक्षण वाले कोरोना मरीज कम हैं. इसलिए इन संक्रमितों को होम क्वारंटीन में रखा जा सकता है. इन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है. 

हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि भविष्य में भी इसी तरह कोरोना के मामले बढ़ते रहे तो अस्पतालों पर दबाव बढ़ सकता है. फिलहाल प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 12000 के पार पहुंच गई है. 

देश में हाल ही में आई कोरोना वायरस की नई लहर बेहद तेज गति से चल रही है. आज कोरोना वायरस के 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं, और ऐसा पहली बार हुआ है. इससे पहले पिछले साल सितंबर के महीने में 97 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए थे. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा स्थिति खराब है, वहां एक दिन में 57 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है. इसी के चलते वहां कई प्रकार की रोक लगा दी गई हैं. 

Advertisement

अन्य राज्यों में भी तेजी से मामले बढ़ रहे हैं. दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण की उम्र सीमा बढ़ाने की मांग है.कोरोना वायरस से जुड़े अपडेट्स के लिए इस पेज पर बने रहें. उत्तर प्रदेश में सक्रिय मामले 20 हजार के पार हो चुके हैं. लोग कोविड प्रोटोकॉल को सार्वजनिक रूप से अनदेखा कर रहे हैं और स्टेशन, मार्केट, अस्पतालों में भीड़ लगी रही है. 

मानदंडों की अनदेखी करने वाले लोगों के साथ हर दिन मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. इसके साथ अब योगी सरकार द्वारा कड़े फैसले लिए जा रहे हैं. यूपी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. 20 मार्च 2021 में जहां यूपी में कोरोना वायरस के 442 मामले सामने आए थे वहीं 4 अप्रैल को केवल 15-16 दिनों में मामलों की संख्या बढ़कर 4,164 हो गई है. सक्रिय मामलों की कुल संख्या 20 हजार तक पहुंच गई है. यूपी के 75 जिलों में से कोरोना वायरस के मामलों से राजधानी लखनऊ काफी प्रभावित है.
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement