गुजरात के पाटन जिले में ऐसा रोबोट बनाया गया है जिससे आइसोलेशन वॉर्ड में मरीजों तक आसानी से सामान पहुंचाया जा सकता है. इतना ही नहीं यह रोबोट मरीजों से बातचीत भी करता है. आम तौर पर कोरोना वॉर्ड में काम करने वाले मेडिकल स्टाफ को कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा रहता है, ऐसे में ये रोबोट मरीजों तक हर जरूरत की चीज आसानी से पहुंचा सकता है. ट्रॉली जैसा दिखने वाला यह रोबोट अब मरीजों की मदद करेगा. धारपुर मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में यह रोबोट काम कर रहा है. डीसी पाटन के मुताबिक, यह कोरोना योद्धाओं के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है.
पाटन के 2 युवाओं ने मिलकर सिर्फ 4 दिनों में "धार-बोट" नाम का यह उपयोगी रोबोट बनाया है. यह रोबोट रोगियों तक दवाई और अन्य सामान पहुंचाएगा. इसके अलावा यह रोबोट मरीजों का मनोरंजन भी करेगा. रोबोट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए धारपुर मेडिकल के डीन ने कहा, 'इस रोबोट को ट्रॉली के रूप में तैयार किया गया है और इसकी हैंडलिंग मोबाइल एप्लिकेशन से ही की जा सकती है. इतना ही नहीं, मरीज वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने परिवार से भी बात कर सकता है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच पाटन के दो युवा इंजीनियरों ने यह रोबोट बनाकर कोरोना वारियर्स की चिंताओं को कम किया है.'
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आपको जानकर हैरानी होगी, रोबोट बनाने वाले पिनाक ठक्कर एक व्यापारी हैं. उन्होंने मात्र 12वीं क्लास तक ही पढ़ाई की है. वो इस रोबोट को और भी हाईटेक बनाना चाहते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से ज्यादा सामान जमा नहीं कर सके. वहीं दूसरे युवा अनिल पटेल ने भी सिर्फ आईटीआई तक पढ़ाई की है.
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इस रोबोट को बनाने में लगभग 60 हजार का खर्च आया है. धारपुर अस्पताल में टेस्टिंग के बाद, गुजरात के सभी कोरोना अस्पतालों में ऐसे रोबोट बनाने की तैयारी है.
गोपी घांघर