कोरोना पर रिसर्च के लिए भारत-अमेरिका की 8 टीमों के लिए पुरस्कारों का ऐलान

टीमों के द्वारा किए जाने वाले शोध कार्यों में एंटी वायरल कोटिंग्स, इम्यून मॉड्यूलेशन, अपशिष्ट जल में सार्स कोविड-2 की पहचान करने, रोग का पता लगाने की तकनीक, रिवर्स जेनेटिक्स की रणनीति और दवाओं का अन्‍य तरीकों से इस्‍तेमाल आदि शामिल हैं.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 18 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST
  • रोग की पहचान और दवाओं के अन्य तरीकों पर शोध किया गया
  • टीमें रिवर्स जेनेटिक्स की रणनीति पर गहन शोध को आगे बढ़ाएंगी

भारत और अमेरिका के शोधकर्ताओं की 8 संयुक्‍त टीमों को वर्चुअल नेटवर्क के जरिए कोरोना रोग की उत्‍पत्ति और प्रबंधन में अत्याधुनिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा.

इन टीमों के द्वारा किए जाने वाले शोध कार्यों में एंटी वायरल कोटिंग्स, इम्यून मॉड्यूलेशन, अपशिष्ट जल में सार्स कोविड-2 की पहचान करने, रोग का पता लगाने की तकनीक, रिवर्स जेनेटिक्स की रणनीति और दवाओं का अन्‍य तरीकों से इस्‍तेमाल आदि शामिल हैं. 

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) ने दोनों देशों की आठ टीमों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है, जिसमें कोरोना पर अनुसंधान करने वाले भारत- अमेरिका वर्चुअल नेटवर्क के प्रमुख शोधकर्ता शामिल हैं जो कोराना वायरस के कारण जन्‍मी वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए चिकित्सा और वैज्ञानिक समुदाय के प्रयासों में मदद करेंगे.

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आईयूएसएसटीएफ भारत और अमेरिका की सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित एक स्वायत्त द्विपक्षीय संगठन है जो दोनों देशों की सरकारों, शिक्षा और उद्योग के बीच महत्वपूर्ण संपर्क के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और इनोवेशन को बढ़ावा देता है.

पुरस्‍कार के लिए चुनी गईं 8 टीमों में ऐसे बेहतरीन शोधकर्ता शामिल हैं जिन्‍होंने कोरोना महामारी पर शोध करने वाले भारत और अमेरिका के विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदायों की संयुक्त विशेषज्ञता का दोहन करने के साथ-साथ इस काम के लिए दोनों देशों में उपलब्‍ध अवसंरचनाओं का आगे अनुसंधान कार्यों के लिए भरपूर इस्‍तेमाल करने के लिए आमंत्रित प्रस्तावों के जवाब में अपना आवेदन दिया था.

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ये 8 टीमें आने वाले दिनों में कोरोना वायरस पर एंटीवायरल कोटिंग्स, इम्यून मॉड्यूलेशन, अपशिष्ट जल में सार्स कोविड-2 की पहचान करने, रोग का पता लगाने की तकनीक , रिवर्स जेनेटिक्स की रणनीति और दवाओं का अन्‍य तरीकों से इस्‍तेमाल आदि पर गहन शोध को आगे बढ़ाएंगी.

आईयूएसएसटीएफ मिशन का उद्देश्‍य भारत और अमेरिका दोनों के बीच वैज्ञानिकों, वैज्ञानिक संस्थानों और बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक समुदाय के बीच साझेदारी के माध्यम से दीर्घकालिक वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है.

 

 

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