कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कई तरह की चेतावनी जारी की जा चुकी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कई बार बता चुके हैं कि कोरोना वायरस किन चीजों से आसानी से फैलता है और हमें इससे बचने के लिए किस तरह का खान-पान रखना चाहिए.
इस बात की अब तक कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है कि कोरोना वायरस खाने से फैलता है कि नहीं. इससे पहले भी एक्सपर्ट्स ने कहा था कि नॉनवेज खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलता है लेकिन वो अच्छे से पका होना चाहिए.
हालांकि कई खाद्य सामग्री में ऐसी चीजें पाई जाती हैं जो लोगों को बीमार कर सकती हैं. जैसे चिकन में पाया जाने वाला साल्मोनेला बैक्टीरिया, रोमैन सलाद के पत्ते में पाया जाने वाला ई कोलाई संक्रमण और बाहर के खाने में होने वाला नोरोवायरस.
सवाल ये है कि बावजूद इसके अब तक किसी हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कोरोना वायरस के नजरिए से लोगों को खाने की इन चीजों से परहेज करने की चेतावनी अब तक क्यों नहीं दी है.
दरअसल कई तरह की बीमारियां शरीर के अलग-अलग अंगों पर अपना असर डालती हैं.
नया कोरोना वायरस सांस की नली और फेफड़ों से जुड़ा हुआ है जबकि नोरोवायरस और साल्मोनेला जैसे कीटाणु पेट में भी जिंदा रहते हुए लोगों को बीमार करते हैं.
अमेरिका के सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention)के अनुसार, किसी बीमारी को समझने के लिए देखना होगा कि वह शरीर के किस अंग पर हमला कर रही है.
सीडीसी और अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस अभी नया है और अभी इस पर और स्टडीज की जा रही हैं. हालांकि विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि COVID-19 लोगों को उनके पाचन तंत्र के जरिए भी बीमार कर सकता है. वहीं ये वायरस कुछ संक्रमित लोगों के मल में भी पाया जा रहा है.
इन कीटाणुओं के फैलने का तरीका भी अलग-अलग होता है. जैसे फ्लू और कोरोना वायरस मुख्य रूप से एक संक्रमित व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने, खांसी, छींकने और लार के जरिए फैलता है.
वहीं जो कीटाणु लोगों को खाने के जरिए बीमार करते हैं, उनमें डायरिया जैसे लक्षण पाए जाते हैं. कुछ मामलों में, ये कीटाणु मल में भी पाए जाते हैं जिसकी वजह हाइजीन की कमी होती है. लोग गंदे हाथों से खाने को छूते हैं जिसकी वजह से कीटाणु पेट में चले जाते हैं.
इसलिए पाचन संबंधी बीमारी होने पर रेस्तरां में खाना बनाने वालों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि उस बीमार व्यक्ति के खाना बनाने की वजह से दूसरे बहुत से लोग को बीमार पड़ सकते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी चीज को खाने के बजाय स्टोर में दूसरे व्यक्तियों के संपर्क में आने से कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय दुकानों में सामान खरीदने जाना एक जोखिम भरा काम है क्योंकि वहां ढेर सारे ग्राहक और कर्मचारी होते हैं.
हालांकि इन स्टोर्स की तरफ से खुद ही अब कई तरह की एहतियात बरती जा रही है. ग्राहकों को सोशल डिस्टेंस बनाए रखने और बारी-बारी से दुकानों में जाने को कहा जा रहा है.
कोरोना वायरस कुछ सतहों पर ज्यादा देर तक टिक कर रहता है. इसलिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि सामान खरीदते समय अपने हाथों से चेहरो को बिल्कुल भी ना छुएं और घर आते ही हाथों को अच्छी तरह साफ करें.
सीडीसी का कहना है कि अब तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि संक्रमित लोगों के मल में पाए जाने वाला कोरोना वायरस वास्तव में किसी को बीमार कर सकता है या नहीं. एक्सपर्ट का कहना है कि संभव है कि मल में मौजूद वायरस शरीर में फैले संक्रमण की वजह से हो. इससे ये बात साबित नहीं होती है कि वायरस पेट में भी जीवित रह सकता है.