Advertisement

कोरोना

कोरोना को लेकर अपने देश के वैज्ञानिकों पर भड़के ट्रंप, कही ये बात

aajtak.in
  • 22 मई 2020,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST
  • 1/9

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस हफ्ते दो बार अपने देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के खिलाफ बोल चुके हैं. एक बार एक स्टडी को लेकर उन्होंने कहा कि यह ट्रंप के दुश्मनों का काम है. दूसरी बार उन्होंने कहा कि ये राजनीति से प्रेरित कार्य है. अब देश के कई बड़े वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की सलाह को खारिज करते हुए ट्रंप लॉकडाउन हटाना चाहते हैं. देश में फिर से सबकुछ खोलना चाहते हैं. जबकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा करना जल्दबाजी होगी. इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में दिक्कत आएगी. (फोटोः AFP)

  • 2/9

डोनाल्ड ट्रंप ने इस हफ्ते दो बार कहा कि हमारे देश के वैज्ञानिकों की बात बेसिर पैर की है. उनकी बातों में कोई सबूत नहीं है. वैज्ञानिकों की बातें राजनीति से प्रेरित हैं. क्योंकि ये लोग चाहते हैं कि देश लॉकडाउन से मुक्त न हो. कोरोना की वजह से लगाए गए प्रतिबंध न हटाए जाएं. (फोटोः AFP)

  • 3/9

इससे पहले जब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) दवा के बारे में चेतावनी दी थी, तब ट्रंप ने कहा था कि उनके विरोधी इस दवा के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. जबकि, ट्रंप और उनके कई वरिष्ठ साथी इस दवा के प्रमोशन में लगे थे. ट्रंप तो आज भी ये दवा रोज खा रहे हैं. इसका खुलासा भी उन्होंने खुद किया था.  (फोटोः AFP) 

Advertisement
  • 4/9

अमेरिका की दवा नियामक संस्था फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कहा था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं लेनी चाहिए. इसका उपयोग सिर्फ अस्पतालों में डॉक्टरों की निगरानी में होना चाहिए. तब ट्रंप ने कहा कि ये मेरे दुश्मनों की बयानबाजी है. (फोटोः रॉयटर्स)

  • 5/9

इसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने एक सर्वे रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया कि कुल संक्रमित लोगों में से 61 फीसदी और मरने वाले लोगों में से 55 फीसदी लोगों को बचाया जा सकता था, अगर लॉकडाउन एक हफ्ता पहले लगाया जाता. इस पर ट्रंप ने कहा कि मेरी सरकार सही तरीके से काम कर रही है. ये आरोप गलत है कि हमने सही समय पर लॉकडाउन नहीं लगाया. (फोटोः रॉयटर्स)

  • 6/9

ट्रंप ने गुरुवार को रिपोर्टर्स से कहा कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी काफी उदारवादी है. लेकिन ये किसी राजनीति से प्रेरित रिपोर्ट लगती है. आपको इसकी सच्चाई का पता लगाना चाहिए. इसके पहले भी डॉ. एंथोनी फॉसी को लेकर भी ट्रंप का रवैया कुछ खास अच्छा नहीं था. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके चेहरे के भाव ये साफ दिखा रहे थे. (फोटोः रॉयटर्स)

Advertisement
  • 7/9

ट्रंप लगातार मुख्यधारा के वैज्ञानिक उपलब्धियों को दरकिनार करते आए हैं. उन्हें कमतर आंकते आए हैं. क्लाइमेट चेंज को वो इंसानी अफवाह बताते आए हैं. ट्रंप कहते हैं कि ये क्या बात हुई कि पनचक्की से आने वाली आवाज से कैंसर होता है. या व्यायाम करने से आपके शरीर की ऊर्जा खत्म होती है. (फोटोः रॉयटर्स) 

  • 8/9

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में कानून के प्रोफेसर लैरी गोस्टिन कहते हैं कि ट्रंप की तरफ से लगातार अपने वैज्ञानिकों को मायूस करना. उनके खिलाफ बोलना गलत है. इससे ट्रंप के खिलाफ समाज में एक अलग तरह का माहौल बन रहा है. ये ट्रंप की उस कमजोरी को दर्शाता है जिसमें वो मौजूद सूचनाओं के आधार पर सही नीतियां नहीं बना पा रहे हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

  • 9/9

लैरी गोस्टिन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में ट्रंप की तरफ से लगातार वैज्ञानिकों और विज्ञान के खिलाफ ऐसे बयान आने से जनता कन्फ्यूज और डरी हुई रहेगी. उन्हें समझ में नहीं आएगा कि क्या करना है और क्या नहीं. (फोटोः रॉयटर्स)

Advertisement
Advertisement
Advertisement