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कोरोना

अप्रैल अंत तक चीन में फिर होगा कोरोना का हमला! वैज्ञानिकों की चेतावनी

aajtak.in
  • 01 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 8:41 AM IST
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चीन में कोरोना वायरस का असर कम होता दिखाई दे रहा है. चीन अपने शहरों से लॉकडाउन भी हटाता जा रहा है. बात भी सही है ताकि लोग बाहर निकल सकें. जीवन सामान्य हो सके. करीब 60 दिन बाद ये सारे प्रतिबंध हटते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन अब भी वैज्ञानिकों के सामने एक बड़ी चुनौती है. ये चुनौती है कोरोना वायरस के दोबारा होने वाले हमले की. (फोटोः रॉयटर्स)

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साइंस मैगजीन नेचर ने हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ बेल काउलिंग के हवाले से लिखा है कि यह समय लॉकडाउन से मुक्ति और थोड़ा आराम करने का है लेकिन यह बात पक्की है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर फिर आएगी. इसकी पूरी आशंका है कि यह लहर अप्रैल अंत तक एक बार फिर चीन को घेरेगी. (फोटोः रॉयटर्स)

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बेन काउलिंग ने बताया कि कोरोना वायरस हुबेई प्रांत के वुहान से निकलकर पूरे चीन और फिर यूरोपीय देश और अमेरिका तक फैल गया. पूरी दुनिया में परिवहन पर प्रतिबंध लग गया. सीमाएं सील हो गईं. (फोटोः रॉयटर्स)

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बेन काउलिंग ने कहा कि यूरोप के इलाज का तरीका देख कर लग रहा है कि उन्हें करीब 2 साल तक कोरोना मरीजों को बाकी लोगों से अलग रखना पड़ेगा. तभी जाकर ये देश अपने लोगों को बचा सकेंगे. (फोटोः रॉयटर्स)

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बेन ने बताया कि अब चीन को अपने सभी प्रांतों में फिर से टेस्टिंग करनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि अब भी कितने लोग कोरोना वायरस की जद में हैं. कितने लोग इससे ठीक हो चुके हैं. कितनों में हल्के-फुल्के लक्षण हैं वापस बीमार पड़ने के. ये तैयारी दूसरी लहर से बचाएगी. (फोटोः रॉयटर्स)

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हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के ही शोधकर्ता गैब्रिएल लीउंग ने बताया कि चीन में अब यातायात सामान्य हुए हैं. लोग कई दिनों के बाद एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं. ऐसे में वो लोग जो कोरोना वायरस से हल्के स्तर पर बीमार होंगे, उनकी वजह से यह बीमारी दोबारा हमला कर सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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गैब्रिएल ने कहा कि आप हुबेई प्रांत को ही ले लीजिए. यहां पर करीब 6 करोड़ लोग अब तक सामान्य स्थिति में नहीं पहुंच पाए हैं. लोग धीरे-धीरे अपने घरों और काम पर वापस जा रहे हैं. फैक्ट्रियां खुलना शुरू हुई है. वुहान में 8 अप्रैल को लॉकडाउन हटेगा. तत्काल जरूरत पड़ेगी सभी लोगों की जांच की. (फोटोः रॉयटर्स)

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गैब्रिएल लिउंग ने कहा कि तुरंत जांच नहीं कराई तो दो हफ्ते बाद यानी अप्रैल के अंत तक कोरोना वायरस से हल्के या कमजोर स्तर पर बीमार लोग गंभीर रूप से दूसरी लहर लाने में सक्षम हो जाएंगे. (फोटोः रॉयटर्स)

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अच्छी खबर ये है कि चीन के हुबेई, बीजिंग, गुआंगडोंग, हेनान, हुनान और झेजियांग प्रांत में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमित लोग थे. लेकिन लॉ़कडाउन की वजह से ये कम होकर करीब जीरो हो गए हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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गैब्रिएल लिउंग ने बताया कि चीन में जितने लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे उनमें से 50 से 70 फीसदी लोग अब कोरोना वायरस से इम्यून हो चुके हैं. यानी उनके शरीर में कोरोना वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो चुका है. (फोटोः रॉयटर्स)

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गैब्रिएल कहते हैं कि चिंता का विषय ये है कि चीन में जितने मामले आए, उसके आधे केस वुहान शहर में थे. लेकिन यहां सिर्फ 10 फीसदी लोग ही कोरोना वायरस से इम्यून हो पाए हैं. इसका मतलब ये है कि अब भी हजारों लोगो ऐसे हैं जिन्हें कोरोना का संक्रमण दोबारा हो सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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बेन काउलिंग ने बताया कि इसका इलाज वैक्सीन हो सकता है लेकिन वैक्सीन आने में करीब एक साल और लग जाएगा. तब तक कोरोना वायरस की खतरनाक हमलों का सामना करना पड़ सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्प्टन के रिसर्चर एंड्रयू टाटेम ने कहा कि हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और ताइवान में पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़े हैं. क्योंकि चीन जैसे ही अपने अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं शुरू करेगा. इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)

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सबसे अच्छी बात ये है कि पिछले कुछ दिनों से चीन में स्थानीय स्तर पर कोरोना के संक्रमण के मामले आने लगभग बंद हो गए हैं. अब सिर्फ वही मामले दिख रहे हैं जो कहीं बाहर से आए हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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