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कोरोना

बिहार: होम आइसोलेशन में कोरोना मरीज की मौत, किसी ने नहीं सुनी गुहार

aajtak.in
  • 23 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST
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बिहार के पटना से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक कोरोना मरीज की मौत हो जाने के बाद मरीज के दो बेटों ने खुद ही PPE किट पहनकर लाश को चादर में लपेटा. इस दौरान गुहार लगाने की बावजूद भी उनके पास स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा. 
(तस्वीर: सांकेतिक)

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दरअसल, पूरा मामला पटनासिटी के चौक थाना क्षेत्र के हरमंदिर गली इलाके का है, यहां एक 50 वर्षीय कोरोना मरीज को उनके घर में ही आइसोलेट किया गया था. उनकी 22 जुलाई की सुबह करीब 4 बजे मौत हो गई. मौत के बाद संक्रमण ना फैले इसके लिए पूरा परिवार घर के बाहर आ गया. परिवार और स्थानीय लोगों द्वारा प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने के बाद भी विभाग से किसी तरह एक एम्बुलेंस पहुंची.

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इसके बाद मृतक के दोनों बेटों ने स्वयं ही  PPE किट पहन कर अपने मृत पिता को चादर में लपेटा और एम्बुलेंस तक लेकर  गए. बेटों ने बताया कि हमें यह भी नहीं मालूम कि कोरोना से मौत होने पर लाश को किस प्रकार से दाह संस्कार किया जाता है. दिन भर परेशान होने के बावजूद भी विभाग से कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा. मौत के 14 घंटे बाद एक ड्राइवर के साथ सिर्फ एम्बुलेंस भेजी गई.

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मृतक के परिजनों का कहना है कि कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डॉक्टर ने होम क्वारनटाइन होने की सलाह दी थी. बीती रात अचानक तबीयत बिगड़ी और रात करीब 4 बजे मौत हो गई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को सूचना दे दी गई.

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उनका कहना है कि मौत के बाद सभी लोग घर के बाहर चले आए और लगातार पटना के डीएम, एसपी, एसडीओ, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री को भी फोन करके लाश हटवाने का अनुरोध करते रहे. अंततः शाम को 14 घंटे बाद एक एम्बुलेंस आया है. और हमने खुद PPE किट पहनकर लाश पर चादर लपेटी.

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