पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के पीड़ितों की संख्या छह लाख के पार हो गई है. अब तक आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस का खतरा बुजुर्गों में ज्यादा होता है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है.
लेकिन अब विश्व स्वास्थ संगठन ने युवाओं के लिए चेतावनी जारी की है. WHO का कहना है कि युवाओं को ये नहीं समझना चाहिेए कि कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
लंदन की डॉक्टर और सांसद डॉक्टर रोसेना एलन खान ने बीबीसी को बताया कि ये बीमारी केवल बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों तक सीमित नहीं है.
डॉक्टर एलन खान इंग्लैंड में 18 साल के युवक की कोरोना वायरस से हुई मौत के बाद मीडिया से बात कर रही थीं. डॉक्टर एलन ने कहा कि वो इससे पहले 30-40 साल के सबसे स्वस्थ लोगों का भी इलाज कर चुकी हैं जो अब आईसीयू में अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं.
अलग-अलग उम्र में कितना है कोरोना वायरस का खतरा?
हालांकि ये बात सच है कि बुजुर्गों में इस वायरस का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीज बुजुर्ग होते हैं और इस वायरस की चपेट में आने के बाद उन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है.
50 साल से कम उम्र के 5 फीसदी लोगों को इस वायरस संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है. 40 साल से कम उम्र वाले पांच फीसदी लोगों को ही अस्पताल में ज्यादा देखभाल की जरूरत पड़ती है.
वहीं साठ साल के 27 फीसदी और सत्तर साल के 43 फीसदी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है. चीन और इटली के 71 फीसदी मामलों में 80 साल से अधिक उम्र के लोग इस वायरस से गंभीर हालत में पाए गए.
वहीं सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) के हाल के डाटा के अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना वायरस के 53 फीसदी मरीज 55 साल के करीब थे.
हालांकि ये सभी औसत आंकड़े हैं. कम ही सही लेकिन युवाओं में भी अब इसकें गंभीर मामले देखने को मिल रहे हैं जो कि आगे चलकर खतरनाक हो जाते हैं.
इटली में कोरोना वायरस से अब तक 0.4 फीसदी युवाओं की मौत हो चुकी है. जबकि अमेरिका में 40 साल के उम्र के आसपास लोग इस वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित पाए गए.
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक एंथनी फौसी का कहना है, भले इस वायरस से मरने वालों में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा हो लेकिन ये कोई गणित का फॉर्मूला नहीं है.'
एंथनी फौसी का कहना है कि युवा भी अब आसानी से कोरोना वायरस के शिकार होकर गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं. वहीं चाइना की एक स्टडी के मुताबिक युवाओं और नवजात की तुलना में थोड़ी ज्यादा उम्र के बच्चों में Covid-19 कम खतरनाक होता है.
वहीं जिन युवाओें को पहले से कोई बीमारी हो वो भी कोरोना वायरस की चपेट में आसानी से आ रहे हैं.
यूके में करीब 43 लाख युवा अस्थमा से पीड़ित हैं जिसकी वजह से इनमें कोरोना वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है.