ऊंची इमारतों में रहने वालों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है. क्योंकि उन्हें एक जगह से पानी की सप्लाई होती है. इमारत की पानी और सीवरेज सप्लाई सिस्टम से कोरोना के फैलने का खतरा ज्यादा है. यह खुलासा किया है स्कॉटलैंड की हेरियट वॉट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने. (फोटोः गेटी)
हेरियट वॉट यूनिवर्सिटी में वॉटर एकेडमी के डायरेक्टर माइकल गॉर्म्ले ने कहा कि बड़ी और ऊंची इमारतों में रहने वालों के लिए कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है. क्योंकि पानी की सप्लाई वहां पर एक ही जगह से होती है. ये खतरा अस्पतालों में भर्ती लोगों के लिए भी है. (फोटोः गेटी)
यूनिवर्सल साइंस डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक इंसानों से इंसानों में संक्रमण फैलना सामान्य बात है. लेकिन पानी सप्लाई के जरिए कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना एक आसामान्य लेकिन संभव हो सकने वाली बात है. (फोटोः गेटी)
माइकल गॉर्म्ले ने कहा कि अगर किसी इमारत की प्लंबिंग सिस्टम में वायरस का संक्रमण फैलता है तो यह मुश्किल वाली बात होगी. माइकल ने बताया कि साल 2003 में हॉन्गकॉन्ग के एमॉय गार्डेन्स नाम की इमारत में सार्स वायरस ऐसे ही फैला था. (फोटोः गेटी)
एमॉय गार्डेन्स में 33 से 41 मंजिले की कई इमारतें थीं. इनमें करीब 19 हजार लोग रहते थे. जब सार्स वायरस तेजी से फैला तो इन इमारतों में रहने वालों में से 300 लोग संक्रमित हो गए. जबकि, 42 लोगों की मौत हो गई. (फोटोः गेटी)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक एमॉय गार्डेन्स में सार्स महामारी पानी सप्लाई वाली पाइपलाइन के जरिए फैला था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सिंक और टॉयलेट में U आकार की पाइप लगी रहती हैं. इन पाइपों में जमा होने वाले पानी एयरबॉर्न डिजीसेस पनप जाती हैं. (फोटोः गेटी)
सीवरेज से उठे सार्स के वायरस इमारतों के इन यू शेप पाइप में जाकर बैठ गए. जब पानी की सप्लाई हुई तो बहुत से लोग बीमार हो गए. माइकल गॉर्म्ले ने बताया कि हमने इस इमारत की स्टडी कई सालों तक की. हमने दो इमारतों की वाटर सप्लाई लाइन और सीवरेज लाइन की जांच की तो हमने यह निष्कर्ष पाया. (फोटोः गेटी)
माइकल ने कहा कि सार्स की तरह कोरोना वायरस भी इस तरह से फैल सकता है. क्योंकि जब भी यू शेप पाइप से हवा टकराती है तो उसमें मौजूद वायरस पानी की छोटी बूंदों के जरिए भी बाहर निकलकर संक्रमण फैलाते हैं. (फोटोः गेटी)
इससे सिर्फ कोरोना वायरस ही अन्य संक्रामक बीमारियों के भी फैलने का खतरा रहता है. माइकल ने बताया कि अगर बाथरूम से बद्बू आए तो तुरंत पाइपों की जांच कराएं. कभी भी टॉयलेट के यू शेप पाइप को खुला न छोड़ें. उसे सीलबंद कर दें. (फोटोः गेटी)
अगर पाइपलाइन में कही क्रैक या दरार दिखाई दे तो उसे तुरंत बंद करवा दें. इमारतों के मेंटनेंस करने वालों को चाहिए कि वो समय-समय पर इमारतों की पाइपों की जांच करे. डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव करे और लोगों से कहें कि अपने घरों की पाइपलाइन की जांच कराएं. (फोटोः गेटी)