एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी यानी IAS ने ट्वीट करते हुए देश के लोगों को चेतावनी दी है कि भारत में अगले महीने या सालभर में दो-तिहाई आबादी कोरोना से संक्रमित हो जाएगी. इस IAS ने एक वेबसाइट पर इस बारे में लंबा-चौड़ा लेख लिखा है. जिसे 16 मार्च 2020 को ट्वीट किया है. (फोटोः रॉयटर्स)
मीडियम डॉट कॉम में प्रकाशित इस लेख में IAS विक्रम जिंदल ने लिखा है कि हम में से दो तिहाई लोग अगले महीने तक या सालभर के अंदर कोरोना से संक्रमित हो जाएंगे. हमारे पास इस संक्रमण से बचने के लिए कोई इम्यूनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) नहीं है. (फोटोः ट्वीटर)
IAS विक्रम जिंदल ने कहा कि अगले एक साल तक भारत में कोरोना वायरस का टीका यानी वैक्सीन नहीं बन पाएगा. हर 100 में से 20 आदमी कोरोना से लड़ने के लिए अस्पताल जाएगा. इनमें 10 को आईसीयू में भर्ती होना पड़ेगा. (फोटोः रॉयटर्स)
विक्रम जिंदल की माने तो 100 में से 20 आदमी अस्पताल जाएगा यानी देश की आबादी में से 25 करोड़ लोग अस्पताल जाएंगे. इनमें से आधे यानी 12.50 करोड़ लोग आईसीयू में भर्ती हो जाएंगे. (फोटोः रॉयटर्स)
विक्रम जिंदल ने अपने लेख में लिखा है कि भारत में कोरोना की वजह से कुल मृत्यु दर एक फीसदी हो सकता है अगर यहां कि स्वास्थ्य प्रणाली और बेहतरीन हो तब. (फोटोः एपी)
दिल्ली के बारे में विक्रम जिंदल ने लिखा है कि यहां 8000 ICU बेड्स हैं. जबकि आबादी 2 करोड़ से ज्यादा. यहां कोरोना की वजह से मृत्यु दर 10 फीसदी हो सकता है. या फिर इससे भी ज्यादा. उम्रदराज लोगों में तो 10 फीसदी से ऊपर हो सकता है. (फोटोः एपी)
विक्रम ने यह भी लिखा है कि 30 साल से कम उम्र के लोगों को वायरल बुखार के दौर आते रहेंगे. विक्रम ने लिखा है कि उनके इटली के एक डॉक्टर दोस्त ने बताया कि इटली में 65 के ऊपर बीमार हुए लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है. इटली में स्वास्थ्य प्रणाली दुनिया की दूसरे नंबर की बेहतरीन प्रणाली है. (फोटोः रॉयटर्स)
वहीं, भारत की स्वास्थ्य प्रणाली 112वें स्थान पर है. 2018 में कोटा में डेंगू की वजह से 30 साल की उम्र वाले 200-300 लोग बीमार हुई थे, सिर्फ चार महीने में. लेकिन कोरोना वायरस डेंगू नहीं है. यह जंगल की आग की तरह फैल रहा है. यह कुछ हफ्तों में लाखों लोगों को जकड़ लेगा. (फोटोः रॉयटर्स)
विक्रम ने बताया है कि लोगों को सेल्फ आइसोलेशन में चले जाना चाहिए. सार्वजनिक स्थानों से दूर रहना चाहिए. 25 लोगों से ज्यादा लोग कहीं एकसाथ जमा हो तो उन्हें रोकना चाहिए. (फोटोः रॉयटर्स)
60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को चाहिए कि वो नौजवानों से न मिलें. अपने अलग कमरे में रहें और खुद को दुनिया से दूर रखें. इससे वे भी बचे रहेंगे और उनके आसपास के लोग भी सुरक्षित रहेंगे. (फोटोः रॉयटर्स)