कोरोना वायरस महामारी के गंभीर खतरों के बीच देश भर की आईआईटी से भी अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं. हाल ही में आईआईटी मद्रास से 6 छात्रों की जॉब ऑफर वापस लेने की खबर आई थी. इसी तरह अन्य आईआईटी से भी ऐसी खबरें आ रही हैं. आइए जानें- देश के आईआईटी और सरकार इस पर क्या कह रही है.
शिक्षा मंत्रालय की रैंकिंग के हिसाब से टॉप संस्थान में शुमार आईआईटी मद्रास से छह छात्रों के जॉब ऑफर कैंसिल होने की खबर आई थी. हालांकि संस्थान ने कहा था कि विदेश से जो भी जॉब आफर हुए थे, वहां से कोई भी जॉब ऑफर कैंसिल नहीं हुए हैं.
देश की टॉप आईआईटी में पढ़ने वाले छात्रों को कैंपस से ही देश-विदेश में अच्छे संस्थानों में प्लेसमेंट मिलता है. इन संस्थानों से उनके प्लेसमेंट पैकेज भी लाखों में होते हैं. वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते देश ही नहीं विदेशी कंपनियों में भी हायरिंग लगभग रुकी हुई है.
छात्रों के जॉब ऑफर कैंसिल होने को लेकर आईआईटी बॉम्बे और गुवाहाटी ने छात्रों से कहा है कि उनके संस्थान से जॉब ऑफर वापस नहीं लिए गए हैं. छात्रों को आश्वासन दिया गया है कि कोई भी प्लेसमेंट या इंटर्नशिप रोका नहीं जाएगा.
आईआईटी बांबे ने कहा है कि कैंपस खुलने तक प्लेसमेंट रोक दिया गया है. वहीं आईआईटी गुवाहाटी ने कहा है कि कुछ कंपनियों ने कोरोना वायरस को देखते हुए ज्वाइनिंग डेट को आगे बढ़ा दिया है. वहीं आईआईएम बेंगलुरु ने कहा है कि सभी कंपनियों ने हमें कहा है कि वो संस्थान से किए सभी वादे निभाएंगे.
उन्होंने कहा कि मैंने सभी आईआईटी निदेशकों को कहा है कि रद्द किए गए नौकरी प्रस्ताव से प्रभावित छात्रों के लिए विशेष प्लेसमेंट ड्राइव चलाई जाए. इन प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान जिन छात्रों को नौकरी की पेशकश की गई थी, वे देश के प्रतिभाशाली दिमागों में से हैं और संकट के समय में भर्ती करने वालों की मदद कर सकते हैं.