कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है. इसी बीच दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप में भी अब कोरोना वायरस के संक्रमण का मामला सामने आया है. बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के कैंप में कोरोना ने दस्तक दी है.
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दरअसल, बांग्लादेश शरणार्थी सहायता आयोग के अध्यक्ष महबूब आलम तालुकदार ने
गुरुवार को बताया कि कॉक्स बाजार स्थित रिफ्यूजी कैंप में कोरोना के मामले
सामने आए हैं. शरणार्थी और एक अन्य शख्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें आइसोलेशन केंद्र में भेज दिया गया है.
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संयुक्त
राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता लुईस डोनोवन ने द एसोसिएटेड प्रेस को
बताया कि उन दोनों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है. साथ
ही दोनों को आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है. दूसरा
संक्रमित व्यक्ति रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में नहीं रहता है, बल्कि वह
कॉक्स बाजार जिले में रहता है.
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इस कैंप में दस लाख रोहिंग्या
मुसलमान रहते हैं. मामला आने के बाद चिंता बढ़ गई है. अधिकारियों का कहना
है कि यह एक गंभीर चेतावनी है क्योंकि कॉक्स बाजार शरणार्थी शिविर में दस
लाख से भी अधिक रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं और उनकी मूलभूत सुविधाओं तक
पहुंच सीमित है.
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यह इसलिए भी बहुत ही डरावना मामला है क्योंकि कॉक्स
बाजार बेहद तंग और भीड़भाड़ वाला इलाका है. यह इलाका साफ-सफाई और साफ पानी
की कमी से लगातार जूझ रहा है. यहां कोरोना वायरस से बचने के उपायों का
पालन करन कठिन साबित हो सकता है.
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रिपोर्ट के मुताबिक यहां के कैंप
के तंबुओं में लगभग 40,000 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर (103,600 प्रति वर्ग
मील) के जनसंख्या घनत्व के साथ रहते हैं. यह बांग्लादेश के औसत घनत्व से 40
गुना अधिक है, यहां बनी हर झोपड़ी बमुश्किल 10 वर्ग मीटर (12 वर्ग
गज) की है जिसमें कम से कम 12 लोग एक साथ रहते हैं.
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मालूम हो कि
म्यांमार से 2017 में ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान भाग गए. उसके बाद वे सभी
बांग्लादेश में रिफ्यूजी कैंप में रह रहे हैं. यहां रोहिंग्या शरणार्थियों
की संख्या तकरीबन दस लाख के करीब है
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