कोरोना वायरस के खौफ से पूरी दुनिया में दहशत बनी हुई है. कुछ ऐसा ही एक नजारा उत्तर प्रदेश के बलिया में देखने को मिला. अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बुधवार को एक संदिग्ध को भर्ती कराया गया था. लेकिन वो मौका मिलते ही फरार हो गया. इसकी जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. पुलिस अब उसकी तलाश में जुटी है.
(Photo File-PTI)
बताया जा रहा है कि मरीज 14 मार्च को अपने साथियों के साथ मलेशिया से भारत अपने गांव लौटा था. सुबह 11 बजे एक युवक सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत के साथ जिला अस्पताल पहुंचा जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक परीक्षण के बाद आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया. देर शाम कोरोना की जांच के लिए उसका सैम्पल लेना था पर जब टीम जिला चिकित्सालय पहुंची तो ये देख कर हैरान हो गई कि कोरोना का संदिग्ध मरीज वार्ड से गायब है.
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आनन-फानन में सीएमएस बलिया ने जिले के डीएम और एसपी को फरार मरीज की सूचना दी. बलिया जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉक्टर बी.पी. सिंह का कहना है कि यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है जब कोई संदिग्ध मरीज अस्पताल से फरार हो जाए, अगर वो पॉजिटिव होगा तो कम्युनिटी के लिए खतरनाक साबित होगा. ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. आखिर मरीज आसानी से कैसे फरार हो गया.
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संदिग्धों की निगरानी के लिए अस्पताल का कोई भी कर्मचारी वार्ड के बाहर तैनात नहीं था. इसी वजह से संदिग्ध भागने में सफल रहे. संदिग्ध लोगों के निगरानी करने जिम्मेदारी जिला अस्पताल प्रशासन की थी. अब अस्पताल प्रशासन इसकी जांच में जुट गया है आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई. पुलिस ने भी संदिग्धो को पड़ने के लिए पूरा जोर लगा दिया है.
एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार की पूरी कोशिश है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैल न पाए तो वहीं इससे पहले भी नागपुर में इस वायरस से ग्रसित पांच संदिग्ध रात में अस्पताल से फरार हो गए थे. लेकिन नागपुर में पुलिस ने इन सभी को पकड़ लिया था.