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कोरोना

कोरोना वायरस के डरावने चेहरे, वैज्ञानिकों द्वारा ली गई तस्वीरें देखिए

aajtak.in
  • 23 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST
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नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 332,154 लोग संक्रमित हो चुके हैं. 14587 लोगों की जान जा चुकी है. 15 दिसंबर के बाद से अब तक कोरोना वायरस की कई तस्वीरें आईं. कभी थ्रीडी मॉडल आए. कभी ब्लैक एंड व्हाइट तो कलरफुल फोटो. लेकिन आखिरकार कोरोना दिखता कैसा है? आइए आपको दिखाते हैं वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस की इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोस्कोप की तस्वीरें या उनके द्वारा बनाए गए 2डी व 3डी मॉडल...(फोटोः गेटी)

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कोरोना वायरस की ये तस्वीरें आपको यह बताएंगी कि दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वायरस को समझने के लिए कितनी मेहनत कर रहे हैं. वो ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे इसे रोका जाए? कैसे इसे खत्म किया जाए? (फोटोः गेटी)

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अगर इन तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो आपको हर तस्वीर में कोरोना वायरस एक अलग ही रूप में दिखाई देगा. ये तस्वीरें इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोस्कोप से ली गई हैं. अलग-अलग रंग और आकार विभिन्न प्रकार के दिख रहे हैं ताकि इस वायरस को हर तरफ से देखा जा सके. (फोटोः गेटी)

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वैसे आपको बता दें कि इस वायरस के बाहरी हिस्से में प्रोटीन से बने हुए कांटे हैं. इन्हीं कांटों की वजह से यह इंसान की कोशिकाओं को जकड़ता है. (फोटोः गेटी)

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कोरोना वायरस आपके नाक, मुंह या आंखों के जरिए आपके शरीर में घुसता है. इसके बाद ये शरीर की कोशिकाओं तक जाता है. इंसानी शरीर की कोशिकाएं ACE 2 नामक प्रोटीन पैदा करती हैं. कोरोना के कांटे ACE 2 प्रोटीन से जुड़ जाते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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इसके बाद कोरोना वायरस का तैलीय लिपिड बुलबुला फूट जाता है. वह कोशिका की बाहरी परत को खोल देता है. फिर तैलीय लिपिड के अंदर मौजूद कोरोना वायरस का स्ट्रेन या RNA हमारी कोशिकाओं में घुस जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना वायरस का जीनोम हमारे शरीर की कोशिकाओं में एक निगेटिव प्रोटीन बनाना शुरु कर देता है. इसके लिए वह हमारी कोशिकाओं से ऊर्जा लेता है. ताकि वह शरीर के अंदर ही नए कोरोना वायरस पैदा कर सके. (फोटोः रॉयटर्स)

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धीरे-धीरे कोरोना वायरस जैसे कांटे हमारे शरीर की कोशिकाओं में विकसित होने लगती हैं. यानी हमारी कोशिकाएं भी कोरोना वायरस जैसी बनने लगती है. फिर, ये टूटकर नए कोरोना वायरसों को जन्म देना शुरू करती हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना को लेकर कई धारणाएं भी बनी हुई हैं. यह भी जानकारी आई थी कि कोविड-19 कोरोना वायरस की प्रयोगशाला में बनाया गया है. लेकिन यह बात झूठ निकली. क्योंकि विज्ञान के लिए प्रसिद्ध मैगजीन नेचर में एक शोध पत्र छपा है, जिसमें लिखा है कि यह प्रयोगशाला में नहीं बनाया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोविड-19 यानी SARS CoV-2 कोरोना वायरस परिवार का ही एक सदस्य है. जिसके जीनोम उसके बाकी सदस्यों से मिलते-जुलते हैं. यानी कोरोना वायरस कोविड-19 पुराने कोरोना वायरसों की तरह ही है. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना वायरस परिवार में कुल मिलाकर सात कोरोना वायरस हैं. ये हैं - SARS, MERS, SARS-CoV-2, HKU1, NL63, OC43 और 229E. इनमें सिर्फ SARS, MERS, SARS-CoV-2 ही खरनाक है. बाकी सामान्य जुकाम और फ्लू के कोरोना वायरस हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना वायरस को लेकर कई प्रकार की धारणाएं भी हैं. जैसे कोरोना वायरस कोविड-19 से आप मास्क लगाकर बच सकते हैं. आपको बता दें कि सामान्य सर्जिकल मास्क कोरोना वायरस ने आपको नहीं बचा सकता. इसके लिए आपको N95 रेस्पिरेटर्स मास्क चाहिए. (फोटोः रॉयटर्स)

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वायरस अपने आप को बदल रहा है. ये भी धारणा है. सच नहीं है. कोरोना वायरस एक विशेष प्रकार के वायरस का परिवार है. इसमें सात तरह के कोरोना वायरस मौजूद हैं. कोरोना वायरस कोविड-19 का जेनेटिक मैटेरियल 90 फीसदी उस कोरोना वायरस से मिलता है जो चमगादड़ों में पाया जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना वायरस कोविड-19 को किसी भी प्रयोगशाला में नहीं बनाया गया है. बीच में ये खबर आई थी कि कोरोना वायरस कोविड-19 को चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर की किसी लैब में तैयार किया गया था. लेकिन यह झूठ है. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर आप मर जाएंगे. यह सच नहीं है. दुनिया के 81 फीसदी मामलों में इस वायरस का संक्रमण स्तर बेहद सामान्य है. सिर्फ 13.8 फीसदी लोगों को गंभीर संक्रमण है. 2.3 प्रतिश लोग ही इस वायरस की वजह से मारे गए हैं. (फोटोः गेटी)

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कोरोना वायरस कोविड-19 पालतू जानवरों से फैलता है. ये भी झूठ है. चीन में एक पालतू कुत्ते में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया था. लेकिन वह बेहद हल्का था. वह कुत्ता बीमार हुआ था, लेकिन उसकी वजह से किसी इंसान को संक्रमण नहीं हुआ. (फोटोः गेटी)

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लॉकडाउन से कोरोना मर जाएगा. जी नहीं, किसी शहर को पूरी तरह से बंद करने या लॉकडाउन करने से कोरोना वायरस मरता नहीं है. इससे सिर्फ यह होता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन टूट जाती है. संक्रमण की प्रक्रिया एक जगह पर रुक जाती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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बच्चों को कोरोना वायरस कोविड-19 से इनफेक्शन नहीं होगा. ये बात गलत है. बच्चों को भी कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है. लेकिन अभी तक बच्चों के संक्रमण का दर बेहद कम है. लेकिन उन्हें इस वायरस से बचाकर रखना जरूरी है. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना वायरस होने पर आपको खुद पता चल जाएगा कि आप संक्रमित हैं या नहीं. आपको कतई पता नहीं चलेगा. बेहतर होगा कि आपको अगर कोरोना के लक्षण दिखाई दें तो तत्काल डॉक्टर से मिलें या सरकार द्वारा जारी नंबरों पर कॉल करके मदद बुलाएं. (फोटोः रॉयटर्स)

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कोरोना वायरस फ्लू से कम खतरनाक है. ये बात गलत है. कोरोना वायरस फ्लू से ज्यादा जानलेवा है. ये इंसान को गंभीर स्तर का निमोनिया कर देता है. जिससे किडनी फेल होने की आशंका भी होती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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विटामिन-सी खाने से आप कोरोना वायरस से बच जाएंगे. अभी तक वैज्ञानिकों को अपने शोध में यह पता नहीं चला है कि विटामिन-सी खाने से कोरोना वायरस हमला नहीं करेगा. विटामिन-सी खाने से जुकाम से ही बचाव नहीं मिलता तो कोरोना से कैसे मिल सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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चीन से आने वाले सामान सुरक्षित नहीं है. ये बात गलत है. अगर कोई सामान या पत्र या कोरियर चीन से आ रहा है तो जरूरी नहीं कि वह कोरोना से संक्रमित हो. WHO के निर्देशों का पालन करते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय सामानों पर निगरानी रखी जा रही है. साथ ही उन्हें सैनिटाइज किया जा रहा है. (फोटोः रॉयटर्स)

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चाइनीज खाने से भी कोरोना वायरस फैल रहा है. ये बात भी गलत है. चाइनीज खाना खाने से आपको कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होगा. आप जमकर इटैलियन, चाइनीज, जापानीज और ईरानी खाने का लुत्फ उठाएं, खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलता. (फोटोः रॉयटर्स)

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खांसने या छींकने से फेफड़ों में मारी गई संक्रमित कोशिकाएं पानी या थूक या कफ की बूंदों के रूप में बाहर आते हैं. जो कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक बाहरी वातावरण में जीवित रह सकते हैं. साथ ही अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. इसलिए लोग मास्क लगाने को कहते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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साबुन से हाथ धोना सबसे बेहतरीन तरीका है बचाव का. क्योंकि कोरोना वायरस की बाहरी परत प्रोटीन या तैलीय लिपिड से बनी होती है. जिसे साबुन का पानी तोड़ देता है. इसके बाद वायरस का स्ट्रेन कमजोर पड़ जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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भविष्य में हो सकता है कि कोरोना वायरस कोविड-19 के लिए कोई वैक्सीन बना लिया जाए. ताकि वह इंसानी शरीर पर अगर हमला करे तो वह कोई नुकसान न पहुंचा पाए. फिलहाल तो कोई वैक्सीन नहीं है. वैज्ञानिक खोज रहे हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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