कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर में लॉकडाउन किया गया है. इस बीच पूरे देश से जिस तरह से कोरोना योद्धा के तौर पर पुलिस-डॉक्टर-मीडिया, हेल्थ वर्कर्स और सफाईकर्मी आदि अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. देशवासी उनके लिए भीतर से दुआएं कर रहे हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की सेवा करना आसान काम नहीं है. उनके इस काम के लिए देश के तमाम शहरों चाहे वो दिल्ली हो, कानपुर हो, इंदौर हो या कोई और शहर हर तरफ सम्मानित किया जा रहा है. और ये सम्मान लाजिमी भी है. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि कहीं इस सम्मान के जरिये उनका जोखिम तो नहीं बढ़ा रहे. पढ़ें- रिपोर्ट.
देश भर में ऐसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें लोग पुलिस का सम्मान करने के लिए उनको टीका लगा रहे हैं, माला पहना रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की एक्टिविटी उन्हें अनजाने में कोरोना का संक्रमण दे सकती है.
अगर हम किसी के सम्मान में उस पर फूल बरसाते हैं या ताली बजाते हैं तो भी ये किसी मायने में ठीक है लेकिन सम्मान में माला पहनाना, मिठाई खिलाना या हाथ मिलाना संक्रमण के लिहाज से गलत है.
किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के डॉ कौसर उस्मान का कहना है कि पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि उनकी ड्यूटी अधिक संख्या में ज्यादातर ऐसे इलाकों में सख्ती से लगाई गई है जहां कोरोना का संक्रमण अधिक है.
बता दें कि कोराेना संक्रमण को लेकर डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी दिशानिर्देशों में भी फ्रंटलाइन वरियर्स के लिए विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है. जो लोग कोरोना योद्धा के तौर पर काम कर रहे हैं वो सोशल डिस्टेंसिंग का हरहाल में पालन करें.
अगर वो ऐसे किसी आयोजन में हिस्सा ले भी रहे हैं तो किसी भी चीज को छूने से बचें. फूलमाला आदि से साफ इन्कार करें. इस तरह के आयोजनों से बचकर ही वो अपने साथ साथ समाज की सुरक्षा कर सकते हैं.