Advertisement

कोरोना

PAK: छोटे कपड़े वाली महिलाओं के कारण कोरोना, मौलाना के बयान पर बवाल

aajtak.in
  • 28 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST
  • 1/8

पाकिस्तान के मशहूर कट्टरपंथी मौलाना तारिक जमील ने एक दिन पहले प्रधानमंत्री के कोरोना वायरस टेलीथॉन में मीडिया पर अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है. हालांकि इस महामारी के लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान पर तारिक ने किसी तरह का अफसोस नहीं जताया है.

Photo: Facebook

  • 2/8

पाकिस्तान में तब्लीगी जमात के प्रमुख तारिक के दुनियाभर में लाखों फैंस हैं. तारिक ने शुक्रवार को एक टेलिविजन शो के दौरान मीडिया पर अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी.

Photo: Facebook

  • 3/8

तारिक ने प्रधानमंत्री के कोरोनो वायरस टेलीथॉन में अपने 16 मिनट के संबोधन में मीडिया हाउस और उसके पत्रकारों को भ्रष्ट कहा था.

Photo: Facebook

Advertisement
  • 4/8

टेलीथॉन में में तारिक ने कहा था कि औरतों के छोटे कपड़े पहनने की वजह से कुदरत ने कोरोना वायरस का कहर बरपाया है. तारिक ने अपने बयान में यह तक कह दिया था कि औरतों के बुरे कर्मों की सजा पूरी कौम को भुगतनी पड़ रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

  • 5/8

सीनेट में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की संसदीय नेता और वॉशिंगटन में पाकिस्तान की पूर्व राजदूत रही शेरी रहमान ने तारिक की विवादित टिप्पणियों की निंदा की है. उन्होंने कहा, 'मौलाना को मीडियाकर्मियों से माफी मांगनी ही चाहिए थी, लेकिन उन्होंने अभी तक मुल्क की महिलाओं से माफी क्यों नहीं मांगी है.'

Photo: Facebook

  • 6/8

रहमान ने अरब न्यूज के हवाले से कहा, 'मौलाना तारिक जमील ने अपने विवादित बयान से 50 फीसदी से ज्यादा आबादी की भावनाओं को चोट पहुंचाई है. इसके लिए उन्हें फौरन माफी मांगनी चाहिए. महिलाओं पर ऐसी टिप्पणी बर्दाश्त के बाहर है.'

Photo: Facebook

Advertisement
  • 7/8

बता दें कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. शुक्रवार सुबह तक पड़ोसी मुल्क में 11 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. पाकिस्तान में सबसे ज्यादा मामले पंजाब और सिंध प्रांत से सामने आए हैं. 11 हजार में से करीब 8 हजार मामले इन दो प्रांतों से ही हैं.

Photo: Reuters

  • 8/8

सरकार की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान में मई या जून में ये महामारी अपनी रफ्तार पकड़ेगी. क्योंकि अबतक जो मामले सामने आए हैं उनमें से 79 फीसदी लोकल ट्रांसमिशन का शिकार हुए हैं. ऐसे में सरकार की ओर से अब टेस्टिंग और ट्रैकिंग को बढ़ाया जा रहा है.

Advertisement
Advertisement