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कोरोना

Oxford के बाद चीनी वैक्सीन सफल, बढ़ा रही कोरोना से जंग की ताकत

aajtak.in
  • 21 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST
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चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन भी सफलता के झंडे गाड़ रही है. चीन की वैक्सीन ने भी इंसानी परीक्षण के दूसरे स्टेज में सफलता हासिल कर ली है. वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने दावा किया है कि ये वैक्सीन इंसानों के लिए सुरक्षित है. साथ ही शरीर के इम्यून सिस्टम को और मजबूत कर रही है. इसके दूसरे फेज के नतीजे द लैंसेट मैगजीन में प्रकाशित हुए हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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चाइना डॉट ओआरजी की खबर के मुताबिक, पहले फेज की तुलना में चीन की वैक्सीन को दूसरे फेज में ज्यादा लोगों पर ट्रायल किया गया. फेज-1 में 108 स्वस्थ्य लोगों पर ट्रायल किया गया था. जबकि, दूसरे फेज में इस वैक्सीन को 508 लोगों पर ट्रायल किया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)

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चीन के जियांशु प्रोविंशियल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रोफेसर फेंगकाई झू ने बताया कि हमने इन 508 लोगों में 18 से लेकर 55 साल से ज्यादा तक की उम्र के लोगों को शामिल किया था. यह फेज-1 के ट्रायल से पांच गुना ज्यादा बड़ा फेज था. (फोटोः रॉयटर्स)

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द लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की वैक्सीन Ad5 का ट्रायल वुहान शहर में किया गया. इस वैक्सीन का असर सभी उम्र के समूहों पर जांचा गया. जांच में पता चला कि यह हर उम्र के कोरोना मरीजों के लिए लाभकारी है. (फोटोः रॉयटर्स)

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बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की प्रोफेसर वेई चेन ने बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग लोगों को है. लेकिन हमारी इस वैक्सीन ने दूसरे फेज में बेहतरीन नतीजे दिए हैं. इसकी वजह से कई बुजुर्ग ठीक हो गए. इन सभी लोगों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा हुआ है. (फोटोः रॉयटर्स)

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पूरी दुनिया में इस समय कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर होड़ मची हुई है. वैक्सीन को लेकर सबसे ज्यादा काम और ट्रायल चीन में चल रहे हैं. इस बीच ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 ने अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 1000 स्वस्थ्य लोगों पर इंसानी ट्रायल किए. यह ट्रायल सफल रहा. ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन ने इंसानों के शरीर में न सिर्फ कोरोना वायरस को मारा बल्कि इससे लड़ने के लिए शरीर के अंदर प्रतिरोधक  T Cell भी पैदा किए. (फोटोः रॉयटर्स)

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का दावा है कि ChAdOx1 nCoV-19 की डोज 14 दिनों तक दी जाए तो 28 दिन के अंदर इंसान के शरीर में कोरोना वायरस को हराने और संघर्ष करने के लिए एंटीबॉडी बनने लगते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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इतने देशों के मजबूत दावों के बाद भी यह कहना जल्दबाजी होगा कि कौन सी वैक्सीन कितनी असरदार होगी. क्योंकि अब भी कई वैक्सीन को लेकर इंसानी परीक्षण चल रहे हैं. जिनके नतीजे आने बाकी हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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