कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दुनियाभर के देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कमर कस ली है. ये सभी वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए नए-नए नियम लागू कर रहे हैं. वहीं दुनिया में एक ऐसा देश भी है जिनके राष्ट्रपति एक महीने से ज्यादा समय तक गायब रहे और वापस लौटने पर सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियम बनाने से इनकार कर दिया है, जबकि इस देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज भी हैं. आइए विस्तार से जानते हैं कैसे ये देश कोरोना से जंग लड़ रहा है.
सेंट्रल अमेरिका में स्थित इस देश का नाम निकारागुआ (Nicaragua) हैं. इसी देश के राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा (daniel ortega) करीब 34 दिनों तक पब्लिक अपियरेंस से दूर रहे हैं.
74 वर्षीय डेनियल आर्टेगा को आखिरी बार उन्हें व्यक्तिगत रूप से 21 फरवरी 2020 को देखा गया था, फिर 12 मार्च को उन्होंने ऑनलाइन मीटिंग के दौरान देखा गया था. अब washington post की रिपोर्ट के अनुसार वह बीते बुधवार को सार्वजनिक रूप से दिखे और जनता को संबोधित किया. वह 34 दिन बाद सार्वजनिक रूप से दिखे हैं. हालांकि वह कहां गायब थे फिलहाल इसके बारे में कोई जानकारी नहीं आई है.
कितने हैं कोरोना के केस
दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले निकारागुआ में कोरोना के केस कम हैं. वर्तमान की रिपोर्ट के अनुसार यहां कोरोना के 9 मरीज हैं. 4 ठीक हुए हैं और एक की मौत हो गई है. यहां पहला केस 19 मार्च को आया था. यहां 40 साल के शख्स को पहली बार कोरोना हुआ था.
कैसे लड़ रहे हैं इस देश के लोग कोरोना से जंग
बीते बुधवार से पहले राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा करीब एक महीने से कोरोना का जिक्र करने जनता सामने नहीं आए थे, उन्होंने एक भी बार जनता से जिक्र नहीं किया था कि उनकी सरकार कोरोना से निपटने के लिए क्या अहम कदम उठा रही हैं. हालांकि बीते बुधवार को उन्होंने जनता से कोरोना संबंधित कुछ बातें की.
आपको बता दें, अभी भी इस देश सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है, देश में स्कूल, बाजार सब खुले हैं. कोरोना से निपटेने के लिए यहां कोई नियम नहीं बनाए गए हैं.
ये देश कोरोना मरीजों की संख्या 9 बता रहा है, जो काफी कम है. वहीं कई देशों में वायरस से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में अन्य देशों को इस देश की कोरोना मरीजों की संख्या में गड़बड़ लग रही है.
34 दिन के बाद जनता के सामने आए राष्ट्रपति
34 दिन के बाद कोरोना वायरस महामारी को लेकर उन्होंने जनता से बातचीत की. 12 मार्च के बाद अपने भाषण में उन्होंने कहा, "अगर देश ने काम करना बंद कर देता है, तो लोग मर जाएंगे."
यहां अभी भी खेल के कार्यक्रमों में काम करना और भाग लेना जारी है. वहीं दूसरे देश विदेशियों के लिए सीमाएं बंद कर चुके हैं और लॉकडाउन लगा दिया है.
देश में वायरस के 9 मामलों और एक मौत की पुष्टि की है. वहीं राष्ट्रपति ओर्टेगा की पत्नी ने त्योहारों और सरकार समर्थक मार्च में भाग लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है.
राष्ट्रपति ने कहा, कल्पना कीजिए कि अगर हम पुलिस को आइसोलेट करते हैं, अगर हम सेना को आइसोलेट करते हैं, अगर हम किसानों को आइसोलेट करते हैं, तो उत्पादन बंद हो जाएगा. ऐसे में देश खत्म हो जाएगा.
उन्होंने कहा, देश के अस्पतालों में महामारी के प्रकोप से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं. दवा स्टॉक 90% है.
74 वर्षीय राष्ट्रपति ने भाषण के दौरान मास्क का उपयोग नहीं किया था. ये कहना गलत नहीं होगा कि महामारी के दौर में डेनियल ओर्टेगा दुनिया के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन उपायों को अपनाने से इनकार कर दिया है. वहीं लोगों को सामूहिक समारोहों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है. इससे साफ जाहिर है, जहां कोरोना के डर से तमाम देशों के लोग घरों में कैद हैं वहीं निकारागुआ में लोगों को घूमने- फिरने और काम करने की छूट मिली है.