बुरुंडी के निवर्तमान राष्ट्रपति पियरे कुरुनजिजा का निधन हो गया है. माना जा रहा है कि वे दुनिया के पहले लीडर हैं जिनकी मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है. हालांकि, मौत की सही वजह का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है. इस बात दावा बुरुंडी के विपक्षी दलों ने किया है. बुरुंडी इकलौता देश है जिसने कहा था कि उसके देश में लोग भगवान की पूजा करके कोरोना वायरस महामारी से बचे रहेंगे. (फोटोः एएफपी)
बुरुंडी की सरकार ने बयान जारी कर रहा कहा है कि उनके राष्ट्रपति 55 वर्षीय पियरे कुरुनजिजा दिल का दौरा पड़ने से मारे गए. बयान में यह भी कहा गया है कि खेलों के प्रति रुचि रखने वाले राष्ट्रपति ने शनिवार को एक वॉ़लीबॉल गेम देखा उसके बाद वो बीमार पड़ गए. उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया. (फोटोः एएफपी)
पूर्व फुटबॉलर पियरे कुरुनजिजा की तबियत में 8 जून को काफी ज्यादा सुधार देखने को मिला था. लेकिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. बयान में कहा गया है कि पियरे की मौत आकस्मिक है, लोगों से शांति बहाल करने की अपील की जाती है. (फोटोः एएफपी)
बुरुंडी देश में सात दिन का शोक घोषित कर दिया गया है. पियरे ने बुरुंडी में लॉ़कडाउन या इसके जैसे प्रतिबंध लगाने को मना कर दिया था. साथ ही उन्होंने बड़े खेलों के आयोजनों और चुनावी रैलियों को भी अनुमति दी थी. (फोटोः एएफपी)
ऐसा कहा जा रहा है कि पियरे कुरुनजिजा की पत्नी नैरोबी गई थीं. वहीं उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ. जिसकी वजह से राष्ट्रपति को भी 10 दिन पहले कोविड-19 का संक्रमण हो गया था. (फोटोः एएफपी)
बुरुंडी की सरकार और प्रशासन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगा था. हालांकि, बुरुंडी में अभी तक 100 से कम लोग ही कोरोना संक्रमित हैं. सिर्फ एक ही आदमी की मौत हुई है लेकिन इस 1.10 करोड़ की आबादी वाले देश में कोरोना से लड़ने की तैयारी कुछ भी नहीं है. (फोटोः एएफपी)
पियरे के प्रवक्ता ने कहा कि बुरुंडी ने भगवान के साथ एक विशेष समझौता किया है. कोई इसे माने या न माने. बुरुंडी ने लॉकडाउन तो नहीं लगाया, साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को भी देश से बाहर निकाल दिया था. (फोटोः एएफपी)
पियरे को 15 दिन बाद राष्ट्रपति के पद से हटना था. क्योंकि 15 साल राष्ट्रपति रहने के बाद वो चुनाव हार गए. उनकी जगह जनरल एवारिस्ते दाईशिमिये पदभार ग्रहण करेंगे. (फोटोः एएफपी)
हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि पियरे कुरुनजिजा बुरुंडी में तानाशाह की तरह शासन कर रहे थे. उनकी वजह से सैकड़ों लोगों की हत्या की गई. हजारों नागरिक देश छोड़कर भाग गए. बुरुंडी ने खुद को 2017 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से बाहर कर लिया था. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार दफ्तर को भी 2019 में बंद कर दिया था. (फोटोः एएफपी)