माइक्रोसॉफ्ट को-फाउंडर बिल गेट्स ने कहा है कि क्लाइमेट चेंज की समस्या का हल निकालने के मुकाबले कोरोना महामारी का हल निकालना 'बहुत, बहुत आसान' है. उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज की समस्या का हल निकालना, इंसानियत का सबसे अच्छा काम होगा.
बिल गेट्स ने क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर एक किताब लिखी है जिसका नाम है- जलवायु आपदा से कैसे बचें (How to Avoid a Climate Disaster). ग्लोबल वार्मिंग की समस्या हल करने के लिए इस किताब को गाइड बुक कहा जा रहा है. बीबीसी के साथ इंटरव्यू में गेट्स ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की समस्या को कम करके न देखें.
बिल गेट्स ने कहा है कि अगले 30 साल में जो हम करने जा रहे हैं, वैसा बदलाव पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हर साल दुनिया 51 अरब टन ग्रीनहाउस गैस वायुमंडल में बढ़ा रहा है. हमें इस आंकड़े को शून्य पर ले जाना है.
बता दें कि वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने की वजह से धरती गर्म हो रही है और इससे बर्फ पिघलने और बड़े पैमाने पर दुनिया में तबाही आने का खतरा पैदा हो गया है. बिल गेट्स का कहना है कि ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन के आंकड़े को शून्य करने के लिए एक रास्ता यह है कि पेड़ लगाए जाएं. दूसरा, तकनीक के जरिए इस लक्ष्य को हासिल किया जाए.
बिल गेट्स ने कहा कि वायु उर्जा और सौर उर्जा के इस्तेमाल से इलेक्ट्रिसिटी को डिकार्बनाइज किया जा सकता है, लेकिन कुल ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में इसका योगदान 30 फीसदी ही है. हमें इसके साथ-साथ स्टील, सीमेंट, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, फर्टिलाइजर प्रोडक्शन और अन्य इंडस्ट्री को भी डिकार्बनाइज करना होगा.
गेट्स ने कहा कि ऐसे कई सेक्टर हैं जिन्हें डिकार्बनाइज करने के लिए फिलहाल हमें कोई उपाय नहीं पता है. उन्होंने कहा कि सरकारों को आगे आना होगा. ग्रीन प्रॉडक्ट्स को बढ़ावा देना होगा. रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर काफी पैसे खर्च करने पड़ेंगे.