नो-ओवरटाइम, रात के 10 बजते ही शटरडाउन... भारतीय टूरिस्ट ने कहा- इस देश से सीखना चाहिए

वियतनाम में हर शख्स अपने काम के टाइम को बड़े अनुशासन से निभाता है. बाजार हों या ऑफिस, एक मिनट आगे या पीछे नहीं. सभी दुकानें रात 10 बजते ही बंद हो जाती हैं, यहां समय पूरा होने के बाद 'थोड़ा सा काम बाकी है' वाला बहाना बिल्कुल नहीं चलता है. 

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वियतनाम में लोग समय को लेकर बेहद पाबंद (Photo: AI Generated) वियतनाम में लोग समय को लेकर बेहद पाबंद (Photo: AI Generated)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

क्या आप सोच सकते हैं कि दुनिया में ऐसा भी देश है, जहां दुकानें सुबह ठीक 8 बजे खुलती हैं, और रात 10 बजे बंद हो जाती हैं. किसी के लिए भी ओवरटाइम का कोई झंझट ही नहीं है? उस देश का नाम है- वियतनाम. दरअसल, हाल ही में एक भारतीय Reddit यूजर ने वहां के अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा, 'समय का इतना सम्मान मैंने कहीं नहीं देखा.'

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भारतीय टूरिस्ट ने लिखा कि वियतनाम में हर शख्स अपने काम के टाइम को बड़े अनुशासन से निभाता है. बाजार हों या ऑफिस, एक मिनट आगे या पीछे नहीं. सभी दुकानें रात 10 बजते ही बंद हो जाती हैं, यहां समय पूरा होने के बाद 'थोड़ा सा काम बाकी है' वाला बहाना बिल्कुल नहीं चलता है. 

समय को लेकर गजब पाबंद

उन्होंने एक दिलचस्प वाकया भी साझा किया है, 'मैं अपने दोस्तों के साथ एक भारतीय रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे. समय था शाम के 4 से 6 बजे का, जब वहां के कर्मचारी लंच ब्रेक और आराम कर रहे थे. उस दौरान रेस्टोरेंट के मालिक ने ऑर्डर लेने से साफ मना कर दिया. 'इस वक्त ऑर्डर नहीं ले सकते, स्टाफ रेस्ट कर रहा है. अगर उन्हें अभी बुलाते हैं तो फिर दोगुनी-तिगुनी मेहनताना देनी होगी. 

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यूज़र ने लिखा, 'मैंने कहा, यह तो सही तरीका है, हमारे यहां तो लोग 14 घंटे काम करते हैं और फिर भी शिकायत करते हैं, जबकि वियतनाम जैसे देश में लोग 8 घंटे ईमानदारी से काम करते हैं और बाकी समय परिवार या खुद के लिए रखते हैं. यही नहीं, यहां रेहड़ी-पटरी वाले भी समय के पाबंद हैं.

हर किसी के लिए एक ही नियम

वियतनाम में टाइमटेबल केवल दुकानदार या ऑफिस वालों के लिए नहीं है, बल्कि टूर गाइड से लेकर टैक्सी ड्राइवर तक सभी टाइमटेबल पर जीते हैं. अगर किसी ने गाइड बुक किया है और देर हो जाए, तो सीधा एक्स्ट्रा चार्ज, कोई बहाना नहीं. यानी वियतनाम में समय की इज्जत एक आम सामाजिक मूल्य बन चुकी है. 

शहरों में रात 10 बजे के बाद बाजार शांत हो जाते हैं. सड़कें क्लीन, दुकानें बंद और लोग अपने घरों में. कोई हॉर्न नहीं, कोई हड़बड़ी नहीं, बस हर तरफ शांति. भारतीय टूरिस्ट ने लिखा, 'भले ही वियतनाम में राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियां हैं, लेकिन उनके लोगों में आत्म-सम्मान और कार्य अनुशासन गजब का है. वहां हर किसी को अपने समय की कीमत पता है. 

भारत लौटते हुए उसने लिखा, 'हमारे यहां मेहनत तो बहुत है, लेकिन अनुशासन की कमी है. अगर वियतनाम जैसी समय की पाबंदी हम सीख लें, तो हमारे लिए बड़ा बदलाव होगा.' उन्होंने लिखा कि एक ही कर्मचारी से ज्यादा काम लेने की बजाय लोग वियतनाम शिफ्ट में काम करते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया 14 घंटे के व्यावसायिक समय में लोग शिफ्ट में काम करते हैं. 

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