RIL Imports Russian Crude: रिलायंस फिर खरीदने लगा रूस से सस्ता तेल, अमेरिकी विरोध का अब क्या होगा?

Russia–India oil Trade: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कुछ समय के लिए रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया था. लेकिन अब कंपनी ऐसे सप्लायरों से तेल खरीद रही है, जो इन प्रतिबंधों के दायरे में नहीं आते. 

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अमेरिकी बैन से रूसी तेल की खरीद में आई थी गिरावट. (Photo: ITG) अमेरिकी बैन से रूसी तेल की खरीद में आई थी गिरावट. (Photo: ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

रूस से भारत को सस्ता तेल मिलता है, और भारत वर्षों से खरीदते आया है. लेकिन बीच में अमेरिकी विरोध के बाद भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदना थोड़ा कम कर दिया था. लेकिन अब खबर है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने रूस से कच्चा तेल खरीदना फिर से शुरू कर दिया है.

कुछ समय पहले मुकेश अंबानी की कंपनी ने रूसी तेल का आयात रोक दिया था, लेकिन अब दोबारा इसे मंगाया जा रहा है. यह तेल गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस की रिफाइनरी में इस्तेमाल किया जाएगा, जहां से पेट्रोल, डीजल और दूसरे ईंधन बनाए जाते हैं.

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दरअसल, अमेरिका ने रूस की कुछ बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे. इन प्रतिबंधों के बाद कई भारतीय कंपनियां रूसी तेल खरीदने में सावधानी बरतने लगी थीं. इसी वजह से रिलायंस ने भी कुछ समय के लिए रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया था. लेकिन अब कंपनी ऐसे सप्लायरों से तेल खरीद रही है, जो इन प्रतिबंधों के दायरे में नहीं आते. 

अमेरिकी बैन का अब क्या होगा?

बता दें,अमेरिकी प्रशासन ने 22 अक्टूबर को रूस के दो बड़े तेल उत्पादक Rosneft और Lukoil पर बैन लगाए थे और रिफाइनरी कंपनियों को इन आपूर्तिकर्ताओं के साथ अपने सौदों को पूरा करने के लिए महीनेभर का वक्त दिया था. उस आदेश के बाद Reliance ने कुछ समय के लिए रूसी तेल की खरीद रोक दी थी. 

आयात फिर से शुरू होने से पहले Reliance को अमेरिकी प्रशासन से एक अतिरिक्त महीने की छूट भी प्राप्त हुई थी, ताकि वह पहले से किए गए करार के तहत प्राप्त जहाजों को रिसीव कर सके. इस एक महीने की अनुमति ने कंपनी को समयसीमा के भीतर पुराने सौदों को पूरा करने में मदद की है. 

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सौदे पूरा करने के लिए मिला था महीनेभर का वक्त

रिलायंस रूसी तेल इसलिए भी खरीदता है, कि ये दूसरे देशों के मुकाबले सस्ता मिलता है. सस्ता तेल मिलने से कंपनी को ईंधन बनाने में लागत कम पड़ती है और देश को भी फायदा होता है. रिलायंस का यह कदम ऐसे समय आया है, जब भारत में रूसी तेल का आयात घटने लगा था. अगर रिलायंस जैसी बड़ी कंपनी खरीदारी दोबारा शुरू करती है, तो इससे भारत में रूसी तेल की हिस्सेदारी बनी रह सकती है. इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूती मिलती है.

गौरतलब है कि भारत दुनिया का बड़ा तेल आयातक देश है और अपनी जरूरत का ज्यादातर तेल बाहर से खरीदता है. ऐसे में सस्ते तेल का विकल्प बहुत अहम होता है.  

खबर के मुताबिक, यह तेल बड़े समुद्री जहाजों (टैंकरों) के जरिये भारत लाया जा रहा है. जामनगर रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरियों में से एक है और यहां हर रोज लाखों बैरल तेल रिफाइन किया जाता है. यहां बना ईंधन भारत के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई होता है.

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