सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS), यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और अटल पेंशन योजना (APY) के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है. सरकार का कहना है कि बदले नियम से निवेशकों को फायदा होने वाला है. ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
दरअसल, पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने 10 दिसंबर 2025 को जारी एक सर्कुलर के तहत पेंशन योजनाओं के निवेश नियमों में बड़ा संशोधन किया है. अब इन योजनाओं के निवेश पोर्टफोलियो में सोने और चांदी के ETF, निफ्टी 250 इंडेक्स और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) को शामिल किया जा सकता है, जो कि पहले संभव नहीं था.
यानी NPS, UPS और APY के निवेश को अब गोल्ड, सिल्वर और ETF में निवेश किया जाएगा. इस बदलाव का मकसद NPS को और डायवर्सीफाई, लचीला और बेहतर रिटर्न के विकल्प के तौर पर बनाना है.
नये नियम में क्या-क्या बदला?
PFRDA के नए सर्कुलर में NPS, UPS और APY के लिए पोर्टफोलियो अलोकेशन के बारे में विस्तार से बताया गया है. सबसे खास बात यह है कि अब पेंशन फंड अपने निवेश को कई नए एसेट क्लास में भी लगा सकते हैं.
सोने और चांदी ETFs: अब पेंशन फंड SEBI से मान्यता प्राप्त गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेश कर सकते हैं. यह निवेश अल्टरनेटिव निवेश कैटेगरी में आता है और जोखिम को नियंत्रित रखते हुए पोर्टफोलियो को डायवर्सीफाई करता है. सरकारी सेक्टर फंड्स के लिए सोने और चांदी ETFs पर अलग-अलग 1% की सीमा रखी गई है.
निफ्टी 250 इंडेक्स और इक्विटी: अब NPS पोर्टफोलियो में उभरते हुए शेयर बाजार के हिस्से के तौर पर निफ्टी 250 इंडेक्स के शेयरों, इक्विटी ETFs और चयनित BSE 250 कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश की अनुमति दी गई है. कुल इक्विटी निवेश की सीमा 25% तय की गई है, जिसमें निफ्टी 250 और संबंधित इक्विटी निवेश शामिल होंगे.
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs), REITs और InvITs: अब PFRDA की नई नीति के तहत पेंशन फंड REITs (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट), InvITs (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और Category I एवं II के AIFs में भी निवेश कर सकते हैं, हालांकि कुल वैकल्पिक निवेश की अधिकतम सीमा 5% है, और जोखिम प्रबंधन के लिए अलग-अलग नियम भी लागू हैं.
उदाहरण के लिए, किसी एक उद्योग में कुल निवेश 15% से अधिक नहीं हो सकता है. इसी तरह किसी पेंशन फंड (Pension Fund) का किसी एक समूह की कंपनियों में अधिकतम 5% (Sponsor Group) या 10% (Non-Sponsor Group) निवेश सीमा तय है. इससे पोर्टफोलियो सुरक्षित रहते हुए विविधता मिलती है.
NPS निवेशकों पर क्या प्रभाव?
यह बदलाव NPS को केवल सुरक्षित-ब्याज आधारित योजना से एक रिटर्न-ओरिएंटेड निवेश विकल्प के रूप में मजबूती से स्थापित कर सकता है. जहां पहले पेंशन निवेश मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट डेट पर आधारित था, अब सोना-चांदी जैसे अल्टरनेटिव एसेट्स और इक्विटी से निवेशकों को लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न की संभावना मिलेगी.
आजतक बिजनेस डेस्क