केंद्र सरकार ने चार नए श्रम कानून पेश कर दिए हैं, जिसके मुताबिक छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों सभी के जीवन में बड़ा बदलाव होने वाला है. 29 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 नए कानून को लागू किया गया है. यह कानून कर्मचारियों को जॉब गारंटी, समय पर सैलरी, सोशल सिक्योरिटी और महिलाओं को सभी जगहों पर सभी तरह के काम करने की इजाजत देती है .
इतना ही नहीं नए लेबर कोड के तहत 40 साल से ज्यादा उम्र वालों को फ्री हेल्थ चेकअप भी दिया जाएगा. इसके आलवा, सोशल, अद्योगिक, वेतन और व्यावसायिक कानूनों के तहत बहुत कुछ बदलाव हुआ है. आइए जानते हैं आईटी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए क्या-क्या बदल गया?
सैलरी को लेकर क्या बदलाव
आईटी सेक्टर्स के लिए भारत सरकार नए लेबर कोड के अनुसार, वेतन का भुगतान हर महीने की 7 तारीख तक किया जाना अनिवार्य है, जिससे वेतन भुगतान में अधिक पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित होगी. यह कानून आगे यह भी तय करता है कि जेंडर बेस्ड सैलरी असमानता नहीं होगी और समान कार्य के लिए समान वेतन को बढ़ावा मिलेगा. यह महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने का अधिकार भी देती है ताकि वे उच्च वेतन के अवसरों से वंचित न रहें.
सभी को ऑफर लेटर
इसके अलावा, उद्योग-विशिष्ट संहिता उत्पीड़न, भेदभाव और वेतन संबंधी विवादों का समय पर समाधान किया जाएगा. सामाजिक सिक्योरिटी का लाभ अब तय समय, कॉन्ट्रैक्ट, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी कवर करेंगे. नए ढांचे के तहत पहली बार अधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त ग्रुप, अनिवार्य ऑफर लेटर और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की परिभाषा भी पेश की गई है.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के अनुसार, 29 पुराने श्रम कानूनों को कम करके, सरकार का लक्ष्य अनुपालन को सुव्यवस्थित करना, श्रमिकों की सुरक्षा बढ़ाना और भारत को अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों के अनुरूप बनाना है. उन्होंने कहा कि ये कानून कम्रचारियों और उद्योग दोनों के लिए बेहतर वेतन, मज़बूत सामाजिक सुरक्षा, बेहतर वर्कप्लेस सेफ्टी और अधिक विश्वसनीय वातावरण को बढ़ावा देंगी.
सिर्फ आईटी कर्मचारियों के लिए ही नहीं
इनके लाभों में खतरनाक उद्योगों और खदानों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए मुफ्त सालाना स्वास्थ्य जांच और एमएसएमई वर्कस, बागान मजदूरों, बीड़ी और सिगार मजदूरों, और महिलाओं व युवा श्रमिकों के लिए व्यापक सुरक्षा शामिल है. निश्चित अवधि के कर्मचारियों, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को मान्यता देना और उनकी सुरक्षा करना भारत के श्रम कानून नजरिए में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाता है.
आजतक बिजनेस डेस्क