भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, PMI के आंकड़े 7 महीने में सबसे बेहतर

मांग में बढ़ोतरी और कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार से ओवर ऑल इकोनॉमी में सुधार देखने को मिल रहा है. दरअसल, अक्टूबर में भारत में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आई है.  

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इकोनॉमी में सुधार के संकेत इकोनॉमी में सुधार के संकेत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST
  • अक्टूबर महीने में PMI आंकड़ा 55.9 पर
  • भारतीय इकोनॉमी में विस्तार के संकेत

मांग में बढ़ोतरी और कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार से ओवर ऑल इकोनॉमी में सुधार देखने को मिल रहा है. दरअसल, अक्टूबर में भारत में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आई है.  

क्योंकि कंपनियों ने नए कामों में पर्याप्त बढ़ोतरी के अनुरूप उत्पादन बढ़ाया है. एक निजी सर्वे के अनुसार भारत की विनिर्माण गतिविधि 7 महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ी है. कारखाने के उत्पादन में तेज गति से बढ़ोतरी हुई है, जो मार्च के बाद से सबसे मजबूत थी. 

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मंथली IHS मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में अक्टूबर में लगातार चौथे महीने विस्तार देखा गया, जो फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे मजबूत सुधार की ओर इशारा करता है. फरवरी के बाद यह लगातार चौथा महीना है, जब इन आंकड़ों में तेजी देखी जा रही है. 

इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत

PMI के 1 नवंबर को जारी सर्वे के मुताबिक देश की मैन्युफैक्चरिंग PMI अक्टूबर महीने में 55.9 पर रही है. वहीं सितंबर में ये 53.7 और अगस्त में 52.3 पर रही थी. PMI मानक पर नजर डालें तो 50 से ऊपर का मतलब होता है कि इकोनॉमी में विस्तार हो रहा है. जबकि 50 के नीचे के आंकड़े इकोनॉमी में गिरावट का संकेत देता है.

अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बाजार के सुधरते सेंटीमेंट, ग्राहकों की बढ़ती मांग के चलते आए नए ऑर्डर्स का फायदा दिखा है. पिछले महीने फैक्ट्री आउटपुट में भी मार्च के बाद की सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है. 

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दूसरी ओर कंपनियों को लगातार कई सामग्रियों और परिवहन के लिए बढ़ती कीमतों का सामना करना पड़ा. सर्वे के मुताबिक फरवरी 2014 के बाद से समग्र इनपुट लागत सबसे तेज दर से बढ़ रही है. सर्वे के मुताबिक अक्टूबर में नए ऑर्डर का विस्तार जारी है.

 

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