LPG एजेंसी से तगड़ी कमाई, हर सिलेंडर पर इतना कमीशन, जानिए खोलने का नियम और लागत

LPG Agency Business: देश में घरेलू एलपीजी कनेक्शन की संख्या बीते 10 सालों में दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है. 1 जुलाई, 2025 तक देश में 33.52 करोड़ एक्टिव डोमेस्टिक LPG कनेक्शन थे. जबकि 2014 में इनकी संख्या सिर्फ 14.52 करोड़ थी

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देश में फिलहाल 33.52 करोड़ एक्टिव LPG कनेक्शन हैं. (Photo: ITGD) देश में फिलहाल 33.52 करोड़ एक्टिव LPG कनेक्शन हैं. (Photo: ITGD)

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST

लागत कम और कमाई ज्यादा वाले बिजनेस कैटेगरी में एक नाम LPG डिस्ट्रीब्यूटरशिप का भी आता है. आज के दौर में गैस एजेंसी (Gas Agency) लेकर आप अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं. क्योंकि पिछले कुछ सालों में लगातार LPG ग्राहकों की संख्या बढ़ी है, खासकर उज्जवला स्कीम (Ujjwala Yojana) के तहत करोड़ों घरों में LPG कनेक्शन पहुंचाया गया है.

देश में घरेलू एलपीजी कनेक्शन की संख्या बीते 10 सालों में दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है. 1 जुलाई 2025 तक देश में 33.52 करोड़ एक्टिव डोमेस्टिक LPG कनेक्शन थे. जबकि 2014 में इनकी संख्या सिर्फ 14.52 करोड़ थी. इसी कड़ी में फिलहाल प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत 10 करोड़ से ज्यादा कनेक्शन दिए जा चुके हैं. 

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तीन सरकारी कंपनियां देती हैं डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप
दरअसल, आप रसोई गैस सिलेंडर वितरण एजेंसी खोलकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको मोटी रकम निवेश भी करनी पड़ेगी. देश में एलपीजी की तीन सरकारी कंपनियां हैं और यही डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप देती हैं. रसोई गैस एजेंसी का काम LPG सिलेंडरों को ग्राहकों तक पहुंचाना और फिर खाली सिलेंडरों को रिफिल के लिए वापस लेना है.

भारत में मुख्य रूप से तीन सरकारी तेल कंपनियां (Oil Marketing Companies- OMCs) डिस्ट्रीब्यूटरशिप प्रदान करती हैं. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Ltd) इंडेन गैस की डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप देती है. भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) भारत गैस के लिए और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum) एचपी गैस के लिए डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप प्रदान करती हैं.

कैसे करें आवेदन?
हिंदुस्तान पेट्रोलियम की वेबसाइट के अनुसार, कंपनियां ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन मंगाती हैं. आवेदन करने के बाद कैंडिडेट का इंटरव्यू किया जाता है. इसमें कई पैरामीटर पर नंबर दिए जाते हैं. इसी आधार पर कैंडिडेट का मूल्यांकन किया जाता है. इसके बाद इंटरव्यू का रिजल्ट जारी किया जाता है. अगर आपका नाम आ जाता है, तो आपके द्वारा दी गई जानकारी को वेरिफाई कर कंपनियां गैस एजेंसी अलॉट कर देती हैं. अगर एक इलाके में कई योग्य उम्मीदवार होते हैं, तो फिर डीलरशिप का चयन लकी ड्रॉ के माध्यम से किया जाता है. 

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फील्ड वेरिफिकेशन
मेट्रो शहर, ग्रामीण क्षेत्र और नगरपालिक में वितरण और ऑपरेशन की अनुमति मिलती है. अगर आप घरेलू एलपीजी सिलेंडरों के वितरण के लिए एजेंसी लेना चाहते हैं, तो 14.2 किलोग्राम से अधिक वजन के सिलेंडर का वितरण नहीं कर पाएंगे. वितरण एजेंसी के लिए लाइसेंस मिलने से पहले आपके क्रेडेंशियल्स का फील्ड वेरिफिकेशन होगा. OMC अधिकारियों की समिति आपके डॉक्यूमेंट्स और जिस जमीन पर आप रसोई गैस सिलेंडर के लिए वितरण एजेंसी खोलना चाहते हैं. उसकी जांच करेगी.

जमीन की जांच का अर्थ ये है कि आप जहां एजेंसी खोलना चाहते हैं, वहां हर मौसम में गाड़ी के पहुंचने के लिए सड़क होनी जरूरी है. जमीन पर LPG सिलेंडर को स्टोर करने के लिए गोदाम बनेगा. अगर जमीन आपके नाम पर है तो सही है,  अगर किराये पर ले रहे हैं तो कम से कम 15 साल के लिए लीज पर लेनी होगी. अगर लाइसेंस प्रदान करने के लिए आपका चयन होता है, तो आपको खुद ही गोदाम बनवाना होगा.

इन्हें दी जाती है प्राथमिकता
रसोई गैस एजेंसी के लिए सरकार के तय स्टैंडर्ड के अनुसार, सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट्स के लिए 50 फीसदी रिजर्वेशन होता है. इसके बाद अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के लिए भी रिजर्वेशन होता है. स्‍वतंत्रता सेनानी, भूतपूर्व सैनिक, सशस्‍त्र बल, पुलिस सेवा, राष्ट्रीय खिलाड़ियों और सामाजिक रूप से अक्षम लोगों को भी प्राथमिकता दी जाती है. ऑनलाइन आवेदन पत्र https://www.lpgvitarakchayan.in/ या संबंधित कंपनी की वेबसाइट (iocl.com, myhpgas.in, my.ebharatgas.com) पर जमा करना होता है.

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एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन के लिए अखबारों में नोटिफिकेश जारी किया जाता है. (https://www.lpgvitarakchayan.in) पोर्टल पर भी नोटिफिकेश के बारे में जानकारी मिलती है. 

आवेदन के लिए कितना शुल्क?
डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है. साथ ही LPG की एजेंसी के लिए आवेदन करने वाले का 10वीं पास होना जरूरी है. उम्र 21 साल से लेकर 60 साल के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा परिवार का कोई भी सदस्य ऑयल मार्केटिंग कंपनी में नौकरी नहीं करता हो. गैस एजेंसी के लिए आवेदन करने का अधिकतम शुल्क 10,000 रुपये है. ये अमाउंट रिफंड नहीं होता है.

कितना आएगा कुल खर्च?

गैस एजेंसी शुरू करने के लिए निवेश क्षेत्र, कंपनी, और बुनियादी ढांचे पर निर्भर करता है. शुरुआत में 15 से 30 लाख रुपये तक का निवेश करना पड़ सकता है. जिसमें सिक्योरिटी डिपॉजिट (कंपनी के आधार पर), गोदाम और कार्यालय निर्माण या फिर रेंट, कंप्यूटर, प्रिंटर, वजन मशीन की कीमत शामिल है. इसके अलावा सिलेंडर डिलीवरी के लिए वाहन होना चाहिए. कई बैंक और वित्तीय संस्थान गैस एजेंसी के लिए लोन देते हैं, जिससे प्रारंभिक निवेश का बोझ कम हो सकता है.

कितनी हो सकती है कमाई?
पेट्रोल-डीजल की तरह ही, LPG सिलेंडर पर वितरक को कमीशन मिलता है. डीलर को 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर फिलहाल करीब ₹73.08 कमीशन मिलता है. जिसमें 33.43 रुपये सिलेंडर डिलीवरी चार्ज भी जुड़ा होता है. 5 किलोग्राम सिलेंडर पर डीलर कमीशन ₹36.54 है, जिसमें ₹16.72 वितरण शुल्क शामिल है. इसके अलावा गैस स्टोव, रेगुलेटर और गैस सप्लाई पाइप बेचने से भी कमाई होती है. साथ ही नए कनेक्शन जारी होने पर भी वितरक को कमीशन मिलता है. 

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LPG वितरण एजेंसी खोलकर आप कम से कम 50 हजार रुपये महीने कमा सकते हैं. दरअसल, एक डिस्ट्रीब्यूटर महीने में कितने सिलेंडर सप्लाई करता है, कमाई उसपर टिकी होती है.

उदाहरण के लिए अगर एक वितरक महीने में 3000 सिलेंडर सप्लाई करता है, और प्रति सिलेंडर 73 रुपये कमीशन मिलता है, तो मासिक आय (3,000 × ₹73= ₹2,19,000) बैठता है. इसमें से करीब 1 लाख रुपये डिलीवरी चार्ज है. अगर कुल आय में से डेढ़ लाख रुपये खर्च निकाल दें तो भी महीने में आसानी से करीब 70 हजार रुपये की कमाई हो सकती है. इसके अलावा न्यू कनेक्शन पर कमीशन, गैस स्टोव, रेगुलेटर और गैस सप्लाई पाइप बेचने पर अलग से आमदनी होती है. 

लेकिन देश में अधिकतर LPG वितरक खासकर शहरी इलाकों में ऐसे हैं, जो रोजाना 500 सिलेंडर तक डिलीवर करते हैं. यानी महीने में करीब 15000 सिलेंडर डिलीवर करते हैं. इस हिसाब से महीने में (15000 × ₹73= ₹10,95,000) आय हो सकती है. जिसमें आधा से ज्यादा खर्च काट देने पर भी महीने में 4 से 5 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है. अब आप अनुमान लगा सकते हैं कि इस बिजनेस में लागत के मुकाबले कितनी तगड़ी कमाई हो सकती है. गौरतलब है कि LPG की मांग भारत में 5-6% की दर से बढ़ रही है. इससे एजेंसी की आय में स्थिरता और बढ़ोतरी की संभावना है. 

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