आज क्या होगा? अमेरिका से ग्रीन सिग्नल... भारतीय बाजार बना सकता है नया रिकॉर्ड, ये 5 बड़े कारण

Sensex अब अपने रिकॉर्ड से करीब 400 अंक दूर है, Nifty महज 72 अंक की दूरी पर है. वहीं बुधवार की शाम डाओ फ्यूचर भी ग्रीन सिग्नल में दिखे, अगर अमेरिकी बाजार का सपोर्ट मिला तो भारतीय बाजार एक नया कीर्तिमान बना सकता है. 

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गुरुवार को कैसा रहेगा बाजार. (Photo: Getty) गुरुवार को कैसा रहेगा बाजार. (Photo: Getty)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:06 AM IST

शेयर बाजार के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास रहने वाला है, वैसे तो शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रोजाना होता है. लेकिन फिलहाल भारतीय बाजार रिकॉर्ड की दहलीज पर खड़ा है, निफ्टी पर निगाहें टिकी हैं. क्या गुरुवार को नया रिकॉर्ड बनेगा? इस रिकॉर्ड का निवेशक करीब 14 महीने से इंतजार कर रहे हैं 
 
दरअसल, बुधवार को भारतीय शेयर बाजार जोरदार रैली के बाद एक बार फिर नए रिकॉर्ड के करीब है. Sensex और Nifty-50 दोनों ने जोरदार तेजी दिखाई, और अपने-अपने ऑल-टाइम हाई के आसपास बंद हुए. Sensex अब अपने रिकॉर्ड से करीब 400 अंक दूर है, वहीं Nifty मात्र 72 अंक की दूरी पर है. वहीं बुधवार की शाम डाओ फ्यूचर भी ग्रीन सिग्नल में दिखे, अगर अमेरिकी बाजार का सपोर्ट मिला तो भारतीय बाजार एक नया कीर्तिमान बना सकता है. 

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निफ्टी इतिहास रचने के करीब

बुधवार को निफ्टी 320 अंक चढ़कर 26,205 पर बंद हुआ. जो कि ऑलटाइम हाई 26277 से 72 अंक दूर है. निफ्टी ने इससे पहले 27 सितंबर 2024 को 26,277.35 अंक तक पहुंचा था, जो कि इंडेक्स का ऑल टाइम हाई (All Time High) भी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर निफ्टी 26,277.35 की रेसिस्टेंस पार करता है तो 26,377–26,660 तक तेजी संभव है. दूसरी ओर 26,000–26,100 जोन अब सपोर्ट बने हुए हैं, इससे नीचे गिरावट हो तो 25,850 तक जा सकता है. बैंक निफ्टी भी मजबूत दिख रहा है.

वहीं सेंसेक्स में बुधवार को 1022 अंकों की तेजी दर्ज की गई और इंडेक्स 85,609 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स का ऑलटाइम हाई 85,978.25 अंक है. सेंसेक्स ने भी ऑल टाइम हाई 27 सितंबर 2024 को ही लगाया था. ऐसे में संभव है कि गुरुवार को सबकुछ ठीक रहा तो सेंसेक्स-निफ्टी नया ऑल टाइम हाई बनाते हुए इतिहास रच डाले.

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बाजार में इस तेजी के पीछे 5 कारण हैं.
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद: भारतीय केंद्रीय बैंक के अगले फैसलों पर निवेशकों की निगाहें हैं. अगर दरों में कटौती होती है, तो बैंकिंग, रियल-एस्टेट और रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स को फायदा हो सकता है. क्योंकि फिलहाल महंगाई काबू में है, ब्याज दरों के मोर्चे पर भी सेंट्रल बैंक सहज दिख रहा है. सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्यूफैक्चरिंग और निवेश को लेकर आक्रामक योजनाएं बना रही है. ऐसे माहौल में बाजार को मजबूत बैक-अप मिलता है. 

वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत: अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालत में सुधार, विदेशी निवेशकों की वापसी या अच्छे ग्लोबल मूड से भारतीय बाजारों को सहारा मिल सकता है. लगातार दो दिन से अमेरिकी बाजार में जोरदार तेजी देखी जा रही है. बुधवार की शाम भी डाओ फ्यूचर ग्रीन जोन में थे. 

भारत-अमेरिका ट्रेड डील: भारत-अमेरिका या अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते आगे बढ़ते हैं, तो टेक्स्टाइल, मैन्युफैक्चरिंग या एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड कंपनियों को समर्थन मिल सकता है. 

अर्निंग का सपोर्ट: इसके अलावा कॉर्पोरेट कमाई, उपभोक्ता मांग, घरेलू लिक्विडिटी में सुधार से निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है. लेकिन बड़ी रैली के बाद गिरावट की संभावना है.

रूस- यूक्रेन समझौते के आसार: रूस और यूक्रेन के बीच समझौते के संकेत से बाजार का सेंटीमेंट सुधरा है.  

गौरतलब है कि भारतीय बाजार काफी समय से एक दायरे में कारोबार कर रहा है. जबकि भारत अभी दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. GDP ग्रोथ लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है और इसका सीधा असर कंपनियों की कमाई पर दिख रहा है. घरेलू निवेशक हों या विदेशी फंड, सभी भारत में लंबी दूरी के मौके देख रहे हैं.

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(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
 

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