टीसीएस के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर नटराज चंद्रशेखरन को टाटा सन्स का नया चेयरमैन बनाया गया है. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के तीन महीने के भीतर ही टाटा समूह ने कंपनी के लिए नया उत्तराधिकारी चुन लिया है. रतन टाटा से नजदीकी होना और नेतृत्व क्षमता चंद्रशेखरन के चुनाव की बड़ी वजह रही हैं. इसके अलावा आइए जानते हैं कि आखिर एन चंद्रशेखरन में और ऐसी क्या खूबियां हैं जिनकी वजह से वह रतन टाटा तथा टाटा समूह की पसंद बने...
वह साल 2009 से ही टाटा समूह का ताज माने वाले जाने वाले टीसीएस की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने महज 46 साल की उम्र में जब टीसीएस की कमान संभाली थी तो वह टाटा समूह के सबसे युवा सीईओ थे.
बेहतरीन एजुकेशन
उन्होंने कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अप्लायड साइंस में बैचलर डिग्री और त्रिची के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री हासिल की. उन्हें कई
यूनिविर्सिटी से ऑननरी डॉक्टरेट भी हासिल हुआ है. चंद्रा ने अपना कॉलेज प्रॉजेक्ट वर्क टीसीएस में किया और दो महीने बाद ही उन्हें कंपनी से जॉब ऑफर मिल गया था.
तीस साल का शानदार करियर
चंद्रा के नेतृत्व में टीसीएस का शानदार प्रदर्शन उनको चुने जाने की एक प्रमुख वजह रही. उनका 30 साल का पूरा करियर बहुत शानदार रहा. जनवरी, 1987 में टीसीएस को जॉइन करने के बाद उन्होंने तेजी से अपनी पहचान बनाई. शुरू से ही उन्हें एक लीडर माना जाता था. उसी दौरान कई टैलेंटेड लीडर्स टीसीएस में आए थे. हालांकि, चंद्रा ने अपनी अलग पहचान बनाई. उन्होंने बहुत कम समय में करियर बनाया और ऐसा गिने-चुने लोग ही कर पाते हैं.
TCS यानी टेक चंद्रा सीरियसली
टीसीएस के फॉर्मर वाइस चेयरमैन एस रामादोराई ने 1993 में चंद्रा का हुनर पहचाना और 1996 में उन्हें अपना एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट बनाया. उनकी टीसीएस के कार्यकाल के दौरान कंपनी की आय बढ़कर 1,12,257 करोड़ रुपये और बाजार पूंजी 4,76,435 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. उनके टीएसीएस के सीईओ बनने के बाद कंपनी की कुल बिक्री तीन गुनी बढ़कर साल 2016 में 1.09 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. कुछ समय तक कंपनी के अंदर यह मजाक चलता रहा कि TCS का मतलब है- टेक चंद्रा सीरियसली.
जो ठान लेते हैं कर दिखाते हैं
चंद्रशेखरन को पिछले साल 25 अक्टूबर को टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया था. वह साल 2012-13 में आईटी इंडस्ट्री के संगठन नैस्कॉम के भी चेयरमैन रहे. उन्हें फोटोग्राफी और लंबी दूरी की दौड़ में शामिल होना पसंद है. वह अमस्टर्डम, बोस्टन, बर्लिन, मुंबई, न्यूयॉर्क और टोक्यो मैराथन में शामिल हो चुके हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि वह जो ठान लेते हैं, उसे करके दिखाते हैं. 31 मार्च 2007 को 43 साल के चंद्रा जब पहली बार अपने वर्ली अपार्टमेंट से जॉगिंग के लिए निकले तो 100 मीटर ही दौड़ सके थे, लेकिन इसके 9 महीने बाद ही उन्होंने पहला फुल मैराथन पूरा किया, जिसमें 42 किलोमीटर की दूरी पूरी करनी पड़ती है.
ग्राहकों के साथ साझेदारी कायम रखने में सफलता
एन चंद्रशेखरन, टीसीएस की कस्टमर केंद्रित संस्कृति और कस्टमर के साथ लंबी पार्टनरशिप का प्रतिनिधित्व करते हैं. चंद्रा को नई टेक्नोलॉजी पर बड़ी बाजी लगाने वाले एक
टेक्नो-आंत्रप्रेन्योर के तौर पर जाना जाता है. इनके नेतृत्व में टीसीएस ने लंबे समय से डिजिटल इकोनॉमी में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है. क्लायंट के बढ़ते आकार और नई-नई
जरूरतों के साथ तालमेल बनाने का ये काम बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है.
दिनेश अग्रहरि