Coal Mining Ordinance: कोयला खनन पर अध्यादेश के मायने क्या? विदेशी कंपनियां भी ले सकेंगी खनन ठेके

सरकार को उम्मीद है कि विदेशी कंपनियों को शत प्रतिशत निवेश की छूट मिलने से भारत, अपने खनिज भंडार का न केवल दोहन कर सकेगा बल्कि वैश्विक कंपनियां अपनी नयी-नयी प्रौद्योगिकी के साथ भारत में अपना कारोबार स्थापित कर सकेंगी.

Advertisement
निजी कंपनियों के लिए खुला कोयला खनन का मार्ग (पीटीआई) निजी कंपनियों के लिए खुला कोयला खनन का मार्ग (पीटीआई)

दीपक सिंह स्वरोची

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

  • अब सभी क्षेत्रों के लिए कोयला खनन का रास्ता खुल जाएगा
  • खदानों की नीलामी के लिए मौजूदा नियम भी आसान होंगे

कोयले का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने अब निजी कंपनियों के निवेश के रास्ते खोल दिए हैं. केंद्र सरकार ने बुधवार को एक अध्यादेश जारी करने की मंजूरी दी है. इस अध्यादेश के जारी होने के बाद सभी क्षेत्रों के लिए कोयला खनन का रास्ता खुल जाएगा. साथ ही कोयला खदानों की नीलामी के लिए मौजूदा नियम भी आसान होंगे.

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 31 मार्च को मौजूदा खनन पट्टा समाप्त होने से पहले लौह अयस्क और अन्य खनिज खानों की नीलामी को भी मंजूरी दे दी है, जिससे कि उत्पादन प्रभावित न हो. सरकार को उम्मीद है कि इस अध्यादेश के बाद कोयला खनन क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा.

सरकार को उम्मीद है कि विदेशी कंपनियों को शत प्रतिशत निवेश की छूट मिलने से भारत, अपने खनिज भंडार का न केवल दोहन कर सकेगा बल्कि वैश्विक कंपनियां अपनी नयी-नयी प्रौद्योगिकी के साथ भारत में अपना कारोबार स्थापित कर सकेंगी.

केंद्र सरकार ने इसके साथ ही कोयले के अंतिम इस्तेमाल पर से अंकुश हटाने का भी फैसला लिया है. उम्मीद है कि कोयले के अंतिम प्रयोग पर लगी पाबंदियां हटाने से उत्पादन और खनन उद्योग की दक्षता बढेगी.

Advertisement

पहले सिर्फ कोयला खनन की कंपनियां ही लगाती थी बोली

दरअसल, खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून, 1957 और कोयला खान (विशेष प्रावधान) कानून, 2015 के मुताबिक सिर्फ कोयला खनन क्षेत्र की कंपनियों को कोयला खानों के लिए बोली लगाने की अनुमति थी. लेकिन खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी मिलने के बाद न्यूनतम मानदंड पूरा करने वाली अन्य खनन कंपनियों के पास भी कोयला खानों के लिए बोली लगाने का अधिकार होगा.

कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है जिससे खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून, 1957 और कोयला खान (विशेष प्रावधान) कानून, 2015 में संशोधन किया जा सके. इस अध्यादेश के जरिये कानून में मौजूदा प्रावधानों में संशोधन किया जा सकेगा.

उन्होंने बताया कि यह प्रावधान सिर्फ कोयला खनन क्षेत्र की कंपनियों को कोयला खानों के लिए बोली लगाने की अनुमति देता है.

कोल इंडिया लि. का एकाधिकार खत्म होगा

कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने बताया कि न्यूनतम मानदंड को पूरा करने वाली कंपनी भी अब कोयला खानों के लिए बोली लगा सकेगी. उदारीकृत नियमों के तहत पहली बोली इसी महीने खुल जाएगी. कोयला सचिव ने कहा कि बोली के नए दौर में कुल 40 कोयला ब्लॉकों को नीलामी के लिए रखा जाएगा.

Advertisement

उन्होंने कहा कि इस कदम से एक ऊर्जा दक्ष बाजार बनाने में मदद मिलेगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सकेगी और कोयले का आयात घटाने में मदद मिलेगी. इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. का एकाधिकार भी समाप्त हो सकेगा. हालांकि जोशी ने यह भी स्पष्ट किया कि कोल इंडिया को मजबूत करने के लिए उसकी मदद की जाएगी. कंपनी को 2023 तक एक अरब टन के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए पर्याप्त ब्लॉक आवंटित किए जाएंगे.

SC ने 2014 में कोयला ब्लॉकों का आवंटन किया था रद्द

बता दें, देश के कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण 1973 में हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में जिन 204 कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया था उनमें से सिर्फ 29 की नीलामी की जा सकी है. क्योंकि इनमें से कई खानों के अंतिम इस्तेमाल पर अंकुश है और इनमें उत्पादित कोयले का सिर्फ खुद के लिए यानी कैप्टिव इस्तेमाल किया जा सकता है. बाजार में इनका कारोबार नहीं हो सकता.

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि कोयले के अंतिम प्रयोग पर लगी पाबंदियां हटाने से उत्पादन और खनन उद्योग की दक्षता बढेगी.

वैश्विक कंपनियां शुरू कर पाएंगी कारोबार

सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा कि कोयला खनन के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को शत प्रतिशत निवेश की छूट देने से भारत को अपने खनिज भंडार का न केवल दोहन करने में मदद मिलेगी बल्कि बहुत सी वैश्विक कंपनियां अपनी नयी नयी प्रौद्योगिकी के साथ भारत में अपना कारोबार स्थापित कर सकेंगी.

Advertisement

सीआईआई ने इस बात का उल्लेख किया है कि भारत को वर्ष 2018-19 में 12.5 करोड़ टन तापीय कोयले का आयात करना पड़ा और इससे करीब 8 अरब डालर (57,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बाहर गयी। टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक तथा सीआईआई के उपाध्यक्ष टीवी नरेंद्रन ने कहा कि खनिज कानून (शोधन) अध्यादेश 2020 से वाणिज्यिक प्रयोग हेतु कोयला खानों की नीलामी के नियम आसान करने में मदद मिलेगी.

कार्बन टैक्स खत्म करने की मोदी सरकार कर रही तैयारी, कोल-पावर सेक्टर को मिलेगी राहत

उन्होंने कहा कि इससे 31 मार्च 2020 को समाप्त होने जा रहे खनन पट्टों से संबंधित स्वीकृतियों को सहज तरीके से हस्तांतरण में भी मदद मिलेगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement