अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने का संकेत दिया है. इससे वैश्विक बाजारों में तेजी देखी गई. बुधवार को भारतीय बाजारों में भी मजबूती का रुख रहा.
ट्रम्प ने एक ट्वीट के जरिए कहा, 'चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ टेलीफोन पर बहुत अच्छी बातचीत हुई है. अगले सप्ताह जापान में जी-20 सम्मेलन में हमारी मुलाकात होगी. हमारी संबद्ध टीम इस मुलाकात से पहले वार्ता शुरू करेगी.'
उनके ट्वीट के कुछ मिनट बाद ही अमेरिकी वित्तीय बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिला. इसके बाद पूरे वैश्विक बाजारों में तेजी देखी गई. जापान के शेयर सूचकांक निक्केई 225 में 377 अंकों की, दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 23 अंकों की, चीन के शंघाई कम्पोजिट में 41 अंकों की बढ़त देखी गई.
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इससे दुनियाभर के निवेशकों को राहत मिलेगी, जो ट्रेड वॉर को लेकर दबाव में थे. भारतीय शेयर बाजार पिछले चार सत्रों की गिरावट के बाद मंगलवार को थोड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ था. बुधवार को सुबह 11 बजे तक बीएसई सेंसेक्स करीब 335 अंक बढ़क 39381 पर कारोबार कर रहा था. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 300 अंकों से ज्यादा मजबूत होकर 39 हजार 360 के स्तर पर पहुंच गया. वहीं निफ्टी भी करीब 70 अंक मजबूत होकर 11750 के पार चला गया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है. ट्रेड वॉर के कारण कच्चे तेल की मांग कमजोर रहने के कारण कीमतों में पिछले दिनों गिरावट दर्ज की गई, मगर तनाव कम होने से आगे तेल के दाम में भी तेजी आ सकती है.
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने गत 10 मई को 200 अरब डॉलर के चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया था और बाकी बचे 300 अरब डॉलर की वस्तुओं पर भी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा दिया था.
ट्रम्प इस महीने जी-20 समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे. ट्रेड वॉर से दोनों देशों के बीच खाई काफी बढ़ गई है. चीन ने अपने नागरिकों को अमेरिका की यात्रा में सचेत रहने को कहा है, तो अमेरिकी सांसदों ने चीनी स्टुडेंट्स के लिए वीजा नियम सख्त बनाने की मांग की है.
अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्नूशिन ने हाल में कहा कि अमेरिका व्यापार विवाद में चीन के साथ आगे और बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी तरह के संभावित करार के लिए दोनों देशों के शीर्ष नेताओं को इस माह के अंत में होने वाली बैठक तक इंतजार करना होगा.
चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार पिछले साल मार्च से चल रहा है, जब ट्रम्प प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले स्टील और अल्युमिनियम पर भारी टैरिफ लगा दिया था. इसके जवाब में तब चीन ने भी अरबों डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ बढ़ा दिया था.
दिनेश अग्रहरि