सर्विस सेक्टर पर भी GST का असर, 3 महीने के निचले स्तर पर आया PMI

जीएसटी का असर सिर्फ छोटे कारोबारियों के कारोबार पर ही नहीं, बल्क‍ि देश के सर्विस सेक्टर पर भी इसका असर पड़ा है. कमजोर मांग और जीएसटी से पैदा हुई कंफ्यूजन से नवंबर में सर्विस सेक्टर की गतिविध‍ियों में गिरावट दर्ज की गई है. 

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नवंबर महीने में सुस्त रहा सर्विस सेक्टर (Photo : Reuters) नवंबर महीने में सुस्त रहा सर्विस सेक्टर (Photo : Reuters)

विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

जीएसटी का असर देश के सर्विस सेक्टर पर भी पड़ा है. कमजोर मांग और जीएसटी से पैदा हुई कंफ्यूजन से नवंबर में सर्विस सेक्टर की गतिविध‍ियों में गिरावट दर्ज की गई है. इससे पीएमआई तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है.

नवंबर महीने में निक्केई इंडिया सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजिंग इंडेक्स (पीएमआई) 48.5 पर रहा. अक्टूबर महीने में यह 51.7 था। भारत के सर्विस सेक्टर की गतिव‍िध‍ि को मापने के लिए पीएमआई इंडेक्स का इस्तेमाल होता है.

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पीएमआई जब 50 के ऊपर रहता है, तो उसे बढ़त के तौर पर लिया जाता है, लेकिन जब यह 50 के आंकड़े से नीचे आ जाता है, तो इसे गिरावट के तौर पर देखा जाता है.

रिपोर्ट की लेख‍िका और आईएचएस मार्केट की अर्थशास्‍त्री आश्ना  डोढिया ने पीएमआई को लेकर कहा क‍ि पिछले दो महीने में सर्विस सेक्टर में मामूल वृद्ध‍ि रही. इसके बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि सेक्टर इससे उभरेगा, लेक‍िन ऐसा हुआ नहीं. उन्होंने कहा क‍ि सर्व‍िस सेक्टर में आई गिरावट ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई बढ़त के असर को भी फीका कर दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर महीने में नये कारोबारों की संख्या काफी कम रही. इसका सीधा असर सर्विस सेक्टर पर पड़ा और इस वजह से ही गिरावट का दौर सर्विस सेक्टर में देखने को मिला.

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इसके अलावा जीएसटी का असर भी कारोबार पर देखने को मिला. जीएसटी की वजह से कारोबारियों का टर्नओवर घटा है. इसका असर भी सर्विस सेक्टर पर पड़ा और इस वजह से पीएमआई में कमी दिखी.

रोजगार के मौर्चे पर हालांकि सर्विस सेक्टर ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया. नंवबर महीने में इस सेक्टर नौकरियां बढ़ी हैं. नवंबर में रोजगार की गति बेहतर रही और यह सितंबर के मुकाबले काफी ज्यादा रही.

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