महंगाई पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है. खाने-पीने की चीजें महंगी होने से जनवरी में खुदरा महंगाई दर में फिर इजाफा हुआ है. जनवरी में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.59 फीसदी पर पहुंच गई है. जबकि दिसंबर-2019 में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी थी, और नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.54 फीसदी थी.
सब्जियों के दाम में इजाफा
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि अनाजों और दालों की कीमतों में इजाफा होने के बाद खुदरा महंगाई दर में इतनी तेजी आई है. यह लगातार चौथा महीना है, जब खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के महंगाई लक्ष्य 4 फीसदी के ऊपर गया है.
देश के विनिर्माण क्षेत्र में नरमी रहने के कारण दिसंबर 2019 दौरान औद्योगिक उत्पादन में दौरान 0.3 फीसदी की गिरावट आई. एक साल पहले इसी महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में दिसंबर 2018 के दौरान 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में बीते दिसंबर में 1.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर 2.9 फीसदी दर्ज की गई थी.
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दरअसल, जनवरी में देश की खुदरा महंगाई दर 6 साल के उच्चतम स्तर पहुंच गई थी. इससे पहले मई 2014 में 8.33 फीसदी थी. वहीं अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और निराश करने वाली खबर है. दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन के इंडेक्स (आईआईपी) में 0.3 फीसदी गिरावट रही.
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महंगाई के मोर्चे पर लगातार झटके
गौरतलब है कि महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को पिछले कुछ महीनों से लगातार पिछड़ रही है. आंकड़ों की मानें तो सब्जियों की कीमतों में इजाफा होने के कारण जनवरी में खुदरा महंगाई दर में ये उछाल देखने को मिला है. इसके अलावा पेट्रोल-डीजल के दामों में भी बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है.
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