रिजर्व बैंक ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कटौती कर दी. आरबीआई ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वॉइंट
कम कर दी. इससे रेपो रेट घटकर 6.50 फीसदी हो गया है. आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने पनामा पेपर्स लीक के मुद्दे पर कहा, 'विदेशों में खातों की मौजदूगी की न्यायसंगत वजह दिखती है. पनामा दस्तावेजों से मिली जानकारी की जांच करेंगे.'
कम हो सकती है EMI
इस कटौती से होम लोन और कार लोन की ईएमआई कम होने की संभावना है. कैश रिजर्व रेट 95 फीसदी से घटाकर 90 फीसदी की गई है. नई ब्याज दरें 16
अप्रैल से लागू की जाएंगी. आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि आने वाली दिनों में भी नीतिगत नरमी का रुख कायम रहेगा.
रेपो रेट 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर
इस 0.25 फीसदी की कटौती के बाद रेपो रेट मार्च 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गई है. लेकिन आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 5.75
फीसदी करने का ऐलान किया है. हालांकि कैश रिजर्व रेट (सीआरआर) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सीआरआर 4 फीसदी ही रहेगी.
पहले से माना जा रहा था कि आरबीआई ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की कटौती करेगा, लेकिन उद्योग मंडल ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती की मांग कर रहे थे.
रोहित गुप्ता