रेलवे का सिग्नल होगा अब दुरुस्‍त, मंत्रालय ने किया समझौता

भारतीय रेलवे की ओर से सिग्नल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए एक समझौता किया गया है.

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रेलवे ने अब रेलटेल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है रेलवे ने अब रेलटेल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 18 जून 2019,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

भारतीय रेलवे अपने अपग्रेडेशन पर लगातार काम कर रहा है. रेलवे स्‍टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा की तैयारी में जुटे रेलवे ने अब रेलटेल इंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. भारतीय रेल ने 4 डिविजन में सिग्नल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए यह समझौता किया है.

रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस समझौते के तहत जहां कहीं भी आवश्यक है, वहां इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (इनडोर) के साथ-साथ मोबाइल ट्रेन रेडियो संचरण प्रणाली (एमटीआरसी) आधारित लांग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) के साथ ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम शामिल है.  

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रेल मंत्रालय के अनुसार, आधुनिक ट्रेन नियंत्रण प्रणाली दक्षिण मध्य रेलवे के रेनिगुंटा-येरागुंटला खंड के 165 किलोमीटर रेलमार्ग, पूर्वी तटीय रेलवे के विजयनगरम-पालासा खंड स्थित 145 किलोमीटर रेलमार्ग, उत्तर मध्य रेलवे के झांसी-बीना खंड स्थित 155 किलोमीटर रेलमार्ग और मध्य रेलवे के नागपुर-बडनेरा खंड स्थित 175 किलोमीटर मार्ग पर लगाई जाएगी.  मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रेल के ये कुछ व्यस्ततम रूट हैं.

रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसे सुरक्षा इंतजाम!

बता दें कि रेलवे यात्रियों और उनके सामान की उच्च स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसे सुरक्षा इंतजाम कर सकता है. प्लेटफॉर्म्स और ट्रेनों को अनाधिकृत पहुंच से सुरक्षित रखने के लिए रेलवे स्टेशनों को हर तरफ से बंद कर दिया जाएगा और अंदर आने के लिए सिर्फ सुरक्षा चैनलों के माध्यम से ही संभव हो सकेगा.

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इसके अलावा प्रवेश के स्थानों पर स्थापित स्कैनिंग उपकरणों को उन्नत किया जाएगा और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में प्रमुख स्थानों पर उच्च प्रशिक्षित आरपीएफ कमांडोज तैनात किए जाएंगे. जिन रेलवे स्टेशनों पर सिक्योरिटी एक्सेस कंट्रोल सिस्टम स्थापित किए जाने हैं, उनके लिए सरकार ने पहले ही 114.18 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.  महत्वपूर्ण स्टेशनों के चारों तरफ जो दीवार बनाई जाएगी उसकी लंबाई लगभग 3,000 किलोमीटर है.

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