मोदी की 'ड्रीम स्कीम' पर रघुराम राजन का रेड सिग्नल, कहा- मुद्रा लोन से बढ़ेगा NPA

रघुरामन राजन ने बैंकों के बढ़ते एनपीए के मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट नहीं दी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि मुद्रा लोन, जैसी योजनाओं से बैंकों के एनपीए की स्थिति और बिगड़ सकती है.

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रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (फाइल फोटो: PTI) रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (फाइल फोटो: PTI)

दिनेश अग्रहरि / राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST

एक संसदीय समिति को दिए अपने बयान में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने यह चेतावनी दी है कि मुद्रा लोन, किसान क्रेडिट कार्ड जैसी मोदी सरकार की कई योजनाओं से बैंकों के एनपीए की स्थिति और बिगड़ सकती है.

रघुरामन राजन ने बैंकों के विशाल नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार तो ठहराया ही है, मोदी सरकार को भी कोई क्लीन चिट नहीं दी है. उन्होंने मोदी सरकार की कई योजनाओं को भी एनपीए बढ़ाने वाला बताया है.

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लोकसभा की आकलन समिति ने पूर्व गवर्नर से कमिटी के सामने पेश होने और बैंकों के एनपीए पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था. कमिटी ने राजन को अपना पक्ष पत्र के जरिए रखने की छूट भी दी थी जिसके बाद रघुराम राजन ने एनपीए पर सिलसिलेवार ढंग से लोकसभा की समिति को अपना जवाब दिया.

रघुराम राजन ने कहा, ' सरकार को अगले संकट के लिए जिम्मेदार हो सकने वाले स्रोतों पर भी ध्यान देना चाहिए. खासकर सरकार को महत्वाकांक्षी कर्ज लक्ष्य या कर्जमाफी से बचना चाहिए.'  

उन्होंने मुद्रा लोन, किसान क्रेडिट, एमएसएमई क्रेडिट गारंटी जैसी योजनाओं को एनपीए बढ़ाने वाले नए स्रोतों के रूप में बताया. गौरतलब है कि पीएम मोदी और एनडीए सरकार मुद्रा लोन जैसी योजना को रोजगार सृजन के बड़े प्रेरक के रूप में देखती है.

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राजन ने चेतावनी देते हुए कहा, 'मुद्रा लोन और किसान क्रेडिट कार्ड लोकप्रिय तो हैं, लेकिन इनसे कर्ज जोखिम बढ़ने की संभावना को देखते हुए इनका गहनता से परीक्षण करना होगा. इसी तरह, सेबी द्वारा चलाई जा रही एमएसएमई क्रेडिट गारंटी स्कीम (CGTMSE) में भी देनदारी बढ़ रही है और इन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.'   

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