कैसे डूबी जेट एयरवेज? मोदी सरकार ने दिए जांच के आदेश

जेट एयरवेज की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को जेट एयरवेज और उसकी समूह की कंपनियों की जांच का आदेश दिया है.

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जेट एयरवेज (फाइल फोटो) जेट एयरवेज (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

जेट एयरवेज की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को जेट एयरवेज और उसकी समूह की कंपनियों की जांच का आदेश दिया है. जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं. धन के गबन, कुप्रबंधन जैसे मामलों को लेकर भी जांच होगी. जांच की रिपोर्ट 6 महीने में सौंपी जाएगी.

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एसएफआईओ जांच का सामना करने वाली कंपनियों में जेट लाइट (इंडिया) लिमिटेड, जेट प्रिविलेज (इंडिया) लिमिटेड शामिल हैं. RoC की रिपोर्ट के आधार पर SFIO ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) का अनुरोध किया था. इसके चलते गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को 25 मई को देश से बाहर जाने से रोक दिया गया था.

लुक आउट सर्कुलर के जवाब में नरेश गोयल ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मांग की कि इसे खारिज कर दिया जाए. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में होगी.

नकदी संकट और अपने ऋण दायित्वों को पूरा नहीं करने के कारण जेट एयरवेज की सेवाएं 17 अप्रैल को बंद कर दी गई थी.

कर्ज में डूबी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारियों के लिए भी आजीविका का बड़ा संकट है. जेट एयरवेज पर 25 अन्य बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये बकाया है. साथ ही कंपनी पर 23,000 कर्मचारियों और सैकड़ों वेंडरों का भी 13,000 करोड़ रुपये बकाया है.

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