मोदी नहीं, मनमोहन सरकार में की थी लोगों ने शेयरों से बंपर कमाई

मोदी सरकार को कारोबार और शेयर बाजार के काफी अनुकूल माना जाता है. साल 2014 में प्रधानमंत्री पद पर नरेंद्र मोदी के आने के बाद से ही शेयर बाजार में लगातार तेजी देखी गई थी. लेकिन एक चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि मोदी सरकार के दौरान शेयर बाजार ने जो रिटर्न दिया है, वह मनमोहन सरकार के दौर से बेहतर नहीं है.

Advertisement
मोदी सरकार के दौर में नहीं मिला ज्यादा रिटर्न मोदी सरकार के दौर में नहीं मिला ज्यादा रिटर्न

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2019,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST

पुलवामा पर आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद ज्यादातर ओपिनियन पोल में यह बताया गया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन लोकसभा चुनाव में बहुमत के करीब पहुंच जाएगा. इस तरह के तमाम पोल आने के बाद शेयर मार्केट में नई ऊंचाई देखी गई. लेकिन अब कई ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि पिछले पांच साल में मोदी सरकार के दौरान भारतीय शेयर बाजारों ने जो रिटर्न दिया है, वह मनमोहन सरकार के दौर से बेहतर नहीं है.

Advertisement

करीब 90 करोड़ मतदाताओं वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव का अब अंतिम चरण ही बचा है. ऐसे में शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का दौर शुरू हो गया है. शुक्रवार से अब तक सेंसेक्स में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ गई है. तमाम लोगों की धारणा के विपरीत यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि पीएम मोदी के कार्यकाल में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के बेंचमार्क सेंसेक्स ने महज 51 फीसदी का रिटर्न दिया है. दूसरी तरफ, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले यूपीए फर्स्ट सरकार के कार्यकाल में सेंसेक्स ने 180 फीसदी का रिटर्न दिया, जबकि यूपीए सेकंड सरकार के कार्यकाल में सेंसेक्स ने 78 फीसदी का रिटर्न दिया था.

कई ब्रोकरेज हाउस ने जमीनी हालात के अपने अध्ययन के आधार पर यह रिपोर्ट दी है कि चुनाव के बाद एनडीए को गठबंधन के नए साथी तलाशने पड़ सकते हैं. दूसरी तरफ, अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर की वजह दुनिया भर के बाजार सतर्क दिख रहे हैं. इससे शेयर बाजार में बीयर्स यानी मंदड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा है. मंदड़िए वे ट्रेडर होते हैं जो इस बात पर दांव लगाते हैं कि आगे चलकर बाजार गिरेगा. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर शुरू हो गया है और इसे अभी महज एक शुरुआत मानी जा सकती है.

Advertisement

एनडीए बहुमत से रहेगा दूर! 

ब्रोकरेज एम्ब‍िट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि बीजेपी को यूपी में भारी नुकसान होने जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'बीजेपी की लहर साफतौर से कमजोर होती दिख रही है और एसपी-बीएसपी 40 से 50 फीसदी वोट शेयर हासिल करता दिख रहा है. ऐसा लगता है कि बीजेपी को यूपी में 30 से 35 सीटें ही मिल पाएंगी. ऐसे हालात में लगता है कि कुल मिलाकर बीजेपी को सिर्फ 190 से 210 और एनडीए को 220 से 240 सीटें मिलेंगी. इसका मतलब यह है कि एनडीए को सरकार बनाने के लिए कम से कम चार अन्य क्षेत्रीय दलों का सहयोग लेना पड़ेगा.'

हालांकि ट्रेडर्स को भरोसा है कि केंद्र में जो भी सरकार आए वह सुधार प्रक्रिया को जारी रखेगी और कारोबारी माहौल को निवेश के अनुकूल बनाएगी.

(www.businesstoday.in से साभार)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement