मोदी सरकार ने छोड़े 200 जासूस, मुनाफाखोरी से आम आदमी को बचाने की जिम्मेदारी

पूरे देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के बाद अब केन्द्र की मोदी सरकार ने आम आदमी के फायदे के लिए लगभग 200 जासूसों को बाजार में उतारा है. ये जासूस देश के छोटे-बड़े शहरों के साथ-साथ कस्बों में घूमेंगे और ऐसे बिजनेसमैन, होलसेलर और रीटेलर की पहचान करेंगे जो नए टैक्स ढ़ांचे का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.

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जीएसटी को सफल बनाने के लिए छोड़े गए जासूस जीएसटी को सफल बनाने के लिए छोड़े गए जासूस

राहुल मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

पूरे देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के बाद अब केन्द्र की मोदी सरकार ने आम आदमी के फायदे के लिए लगभग 200 जासूसों को बाजार में उतारा है. ये जासूस देश के छोटे-बड़े शहरों के साथ-साथ कस्बों में घूमेंगे और ऐसे बिजनेसमैन, होलसेलर और रीटेलर की पहचान करेंगे जो नए टैक्स ढ़ांचे का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.

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केन्द्र सरकार ने यह कदम बीते एक हफ्ते के दौरान देश के अलग-अलग कोने से मुनाफाखोरी की शिकयतें मिलने के बाद उठाया है. गौरतलब है कि देश के नए टैक्स ढ़ांचे के केन्द्र में मुनाफाखोरी रोकने के प्रावधान है और यदि मुनाफाखोरी पर लगाम नहीं लगाई जाएगी को जीएसटी का पूरा मकसद विफल हो सकता है.

केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियां और दुकानदार पूरी इमानदारी से कारोबार करेंगी तो इस कर सुधार का सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को मिलेगा. वहीं इस सुधार में कारोबारियों ने बेइमानी के नए रास्ते इजात कर लिए तो देश में महंगाई बढ़ने की आसार पैदा हो जाएंगे.

कौन हैं ये जासूस, कैसे करेंगे काम?

केन्द्र सरकार की तैयारी के मुताबिक ये 200 जासूस सीनियर आईएएस, आईआरएस और आईएफएस अधिकारियों में से चुने गए हैं. इन जासूसों को सरकार ने जिम्मेदारी दी है कि वह लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में घूमकर जरूरी उत्पादों की कीमत का पूरा जाएजा लेंगे और बाजार में प्राइस ट्रेंड पर लगातार अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को देंगे. लिहाजा आने वाले दिनों में ये 200 जासूस लेह से लेकर लक्षद्वीप और गंगानगर से ईटानगर तक किसी भी जगह दुकानों पर बिक रहे सामान की कामत का जाएजा लेने के लिए खरीदारी कर सकते हैं.

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टैक्स अधिकारी बिना अनुमति नहीं कर सकेंगे कारोबारी के परिसर का दौरा

हालांकि केन्द्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी कर अधिकारी को व्यापारियों या दुकानदारों के परिसर का बिना पूर्व अनुमति के दौरा करने का अधिकार नहीं है. इसका उल्लंघन किए जाने पर इसकी रिपोर्ट शिकायत हेल्पलाइन पर दर्ज करायी जानी चाहिए.

सरकार को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ बेइमान लोग खुद को माल एवं सेवाकर जीएसटी अधिकारी बताकर दुकानदारों और ग्राहकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद विा मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है. जीएसटी मुख्य आयुक्त दिल्ली क्षेत्र ने स्पष्ट किया कि कर विभाग जीएसटी व्यवस्था में हस्तांतरण के दौरान व्यापारियों और दुकानदारों की प्रक्रिया समझाने में केवल मदद करना चाहता है.

कर संबंधी शिकायत का हेल्पलाइन नंबर और जीएसटी रेट्स का मोबाइल ऐप

मंत्रालय ने एक बयान में स्पष्ट किया है कि विभाग के किसी अधिकारी को बिना अनुमति दुकानदार या व्यापारी के परिसर का दौरा करने का अधिकार नहीं है. यदि कोई इस समस्या का सामना करता है तो विभाग की फोन लाइन 011-23370115 पर शिकायत दर्ज सकता है. इसके अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अलग से एक कार्यक्रम में जीएसटी रेट्स फाइंडर मोबाइल एप पेश की है. यह एप गूगल के प्ले स्टोर पर उपलब्ध है.

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