BT MindRush 2019: बढ़ रहा मशीनों का इस्तेमाल, क्या करे इंसान और क्या करें कंपनियां?

Business Today MindRush 2019 बिजनेस टुडे के सालाना लीडरशि‍प समिट 'माइंड रश 2019' में गुरुवार को इस विषय पर मंथन हुआ कि मशीनों के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए कंपनियों और लोगों को क्या रणनीति अपनानी चााहिए. सत्र को संबोधित करते हुए फ्यूचरिस्ट माइक वाल्श ने कहा कि कंपनियों को ऐसे नए लीडर्स की जरूरत होगी, जिनमें नए तरह का स्किल हो.

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समिट को संबोध‍ित करते टुमारो के सीईओ माइक वाल्श (फोटो: शेखर घोष) समिट को संबोध‍ित करते टुमारो के सीईओ माइक वाल्श (फोटो: शेखर घोष)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:11 AM IST

मशीन अब इंसानों का काम करने लगे हैं. अगले वर्षों में यह ट्रेंड और बढ़ने वाला है. तो सवाल यह उठता है कि अब इंसान क्या करे? कंपनियों को भविष्य के इस ट्रेंड को देखते हुए क्या रणनीति अपनानी चाहिए? बिजनेस टुडे के सालाना लीडरशि‍प समिट 'माइंड रश 2019'  में गुरुवार को इसी विषय पर मंथन हुआ. इसमें डिक्शनरी फॉर द फ्यूचर सत्र को संबोधित करते हुए फ्यूचरिस्ट माइक वाल्श ने कहा कि कंपनियों को ऐसे नए लीडर्स की जरूरत होगी, जिनमें नए तरह का स्किल हो.

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टुमारो के सीईओ माइक वाल्श ने 'फ्यूचरटेनमेंट', 'द डिक्शनरी ऑफ डेंजरस आइडियाज' जैसी कई किताबें लिखी हैं. उन्होंने नई तरह की दुनिया, एल्गारिद्म की दुनिया में किस तरह से अपना अस्तित्व बचाए रखें, इसके बारे में अपने विचार रखे. उनके तीन प्रमुख विचार इस प्रकार हैं-  

1. किसी कारोबार में ऑपरेटिंग सिस्टम को अपग्रेड करना उसकी संस्कृति का हिस्सा होना चाहिए. कंपनियों को ताजे और अलग तरह के सोच के लोगों की जरूरत है-ऐसे लोग जो जटिल हालात में भी अच्छे निर्णय ले सकें, जो लोग दुनिया को बदलते स्वरूप में ही स्वीकार कर सकें. किसी संगठन के सर्वश्रेष्ठ लोग भविष्य में ऐसे काम करेंगे जिनका आज अस्तित्व ही नहीं है. इसके साथ ही सदाचार कंपनियों की संस्कृति का हिस्सा होना चाहिए. कंपनियां डेटा कल्चर या डेटा चोरी जैसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं कर सकतीं.

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2. ऐसा नेतृत्व विकसित करना चाहिए जो जिनमें मानव जटिलता की गहरी समझ हो और कंप्यूटेशनल तकनीक की भी समझ हो. वाल्श ने इस तरह के लीडर्स को 'अल्गारिदमिक लीडर्स' नाम दिया है. ऐसे लीडर्स में किसी समस्या को छोटे-छोटे टुकड़े में बांट कर एक समाधान निकालने की क्षमता होनी चाहिए.

3. कारोबार में वैल्यू लाने का मतलब सिर्फ ऑटोमेशन नहीं है. असल वैल्यू डेटा है. कंपनियों को ऐसी संस्कृति तैयार करना चाहिए जिसमें डेटा आधारित निर्णय लिए जा सकें. वाल्श को लगता है कि कंपनियों के पास यदि डेटा और उपयुक्त संस्कृति हो तो किसी कारोबार को भविष्य में नया स्वरूप देना आसान होगा. इसके लिए एक अच्छी शुरुआत यह हो सकती है कि हर हफ्ते डेटा पर एक मंथन सत्र आयोजित किया जाए और लोगों से यह कहा जाए कि वे इस बारे में आइडिया दें कि डेटा के लिए बेस्ट पॉसिबल यूज क्या हो सकता है.

बिजनेस टुडे माइंडरश कार्यक्रम इंडिया टुडे ग्रुप का बिजनेस पर आधारित सलाना आयोजन है. यह समिट अंतरराष्ट्रीय स्तर के लीडर्स और भारतीय उद्योग जगत के दिग्ग्जों के बीच प्रबंधन की सोच और व्यावसायिक रणनीतियों को तैयार करने के लिए विचारों के आदान-प्रदान करने का मंच देता है.

इस कार्यक्रम का आयोजन 14 फरवरी को किया जा रहा है. सुबह 9:50 बजे इंडिया टुडे ग्रुप के ग्रुप एडिटोरियल निदेशक राज चेंगप्पा के वेलकम स्पीच के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. शाम 6 बजे इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी वेलकम स्पीच देंगे. उनकी इस स्पीच के बाद शाम को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शिरकत करेंगे. शाम 6:35 बजे से 7 बजे तक बिजनेस टुडे बेस्ट सीइओज अवार्ड्स कार्यक्रम का आयोजन होगा. शाम को मोंटेक सिंह अहलुवालिया, रजत कठुरिया, संजीव सान्याल और अजय शाह भी शामिल होंगे.

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