देश में इंडस्ट्री की सेहत बताने के लिए अहम औद्योगिक उत्पादन (इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) के आंकडे केन्द्र सरकार के लिए बुरे रहे. केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) द्वारा जारी मई के आर्थिक आंकड़ों में आईआईपी के आंकड़े बेहद कमजोर रहे. मई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन(आईआईपी) के आंकड़े अप्रैल के 3.1 फीसदी के स्तर से गिरकर मई में महज 1.7 फीसदी रहा.
गौरतलब है कि मार्च 2017 में आईआईपी के आंकड़े 2.7 पर थे और अप्रैल के दौरान इसमें बढ़त दर्ज हुई थी. लेकिन फिर मई के आंकड़े सरकार को इंडस्ट्री की कमजोर स्थिति को बयान कर रहे हैं. मई के आंकड़ों के मुताबिक माइनिंग सेक्टर में कम मांग और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आउटपुट में गिरावट के चलते यह आंकड़े खराब रहे हैं.
देश में आर्थिक गतिविधि मापने के लिए ये आंकड़े बेहद अहम हैं.
केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने के दौरान आईआईपी के आंकड़े 3.1 फीसदी थे जबकि मार्च में यह आंकड़े 2.7 फीसदी थे.
गौरतलब है कि इस माह के ये आर्थिक आंकड़े इसलिए भी बेहद अहम हैं क्योंकि पिछले महीने केन्द्र सरकार ने मई से इन आंकड़ों को मापने के लिए कीमतों का बेस ईयर 2004-05 से बढ़ाकर 2011-12 कर दिया था. लिहाजा, इस बार यह आंकड़े पुराने आंकड़े की अपेक्षा देश की इंडस्ट्रियल सेक्टर का ज्यादा सटीक आंकलन कर रहे हैं.
राहुल मिश्र