मोदी-बीजेपी की जीत पर 2014 में शेयर बाजार ने दिखाई थी ऐसी ही तेजी

2014 की मई में भी ज्यादातर एग्जिट पोल ने इसी तरह से बीजेपी को बहुमत मिलने का अनुमान जारी किया था. इसके बाद करीब पांच कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 1,560 अंकों तक की जबरदस्त बढ़त देखी गई.

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2014 की मई में भी शेयर बाजार में आया था उछाल 2014 की मई में भी शेयर बाजार में आया था उछाल

दिनेश अग्रहरि

  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2019,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

साल 2014 की मई में जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत हुई थी तो शेयर मार्केट ने इसका उसी तरह से जबरदस्त स्वागत किया था, जैसा कि अभी एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत के अनुमान के बाद शेयर बाजार में बढ़त का सिलसिला बना हुआ है.

16 मई, 2014 को 16वीं लोकसभा के लिए चुनाव नतीजे आने के बाद सेंसेक्स 25,000 के स्तर को पार कर गया था और उस दिन कारोबार के अंत में भारी बिकवाली के बाद 24,121.74 पर बंद हुआ था. 2014 की मई में भी ज्यादातर एग्जिट पोल ने इसी तरह से बीजेपी को बहुमत मिलने का अनुमान जारी किया था. इसके बाद करीब पांच कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 1,560 अंकों तक की जबरदस्त बढ़त देखी गई.

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16 मई, 2014 को हुई थी जबरदस्त बढ़त

30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2014 के चुनाव नतीजे आने से पहले कई दिनों तक चढ़ा था, क्योंकि तब भी एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत का अनुमान जारी किया गया था. 16 मई को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1,470 अंकों की जबरदस्त उछाल के साथ 25,375 के स्तर पर पहुंच गया था. ट्रेडर्स को यह उम्मीद थी कि बीजेपी की सरकार आर्थ‍िक सुधारों को तेज करेगी और आर्थ‍िक गतिविधियों को बढ़ावा देगी.

हालांकि, बाद में मार्केट की चाल पस्त पड़ गई और सेंसेक्स 23,873.16 के स्तर पर पहुंच गया. दिन में कारोबार के अंत में निवेशकों की पूंजी में 1 लाख करोड़ का जबरदस्त इजाफा हुआ था और यह 80.64 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.

रुपया भी हुआ था मजबूत

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50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी उस दिन 7,500 का स्तर पार करते हुए तब की सर्वकालिक ऊंचाई 7,563 के स्तर पर पहुंच गया था. लेकिन बाद में मुनाफावसूली की वजह से इसमें गिरावट आने लगी और दिन के अंत में यह 7,203 पर बंद हुआ. रुपया भी उस दिल 11 महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचते हुए डॉलर के मुकाबले 58.62 के स्तर पर पहुंच गया.

निवेशकों को यह उम्मीद है कि स्पष्ट बहुमत वाली सरकार सुधारों को निर्णायक तरीके से लागू कर सकेगी जो कि पिछले वर्षों की कथित पॉलिसी पैरालिसिस के लिहाज से काफी जरूरी था. ऐसी सरकार विकास के एजेंडे पर मजबूती से आगे बढ़ सकती थी. यूपीए सरकार के दौर में महंगाई आसमान छू रही थी और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट भी सुस्त पड़ गई थी.

ऐसे में एक मजबूत सरकार इन सब समस्यों से अच्छी तरह से निपट सकती थी और कारोबार के लिए अनुकूल माहौल बना सकती थी. इसीलिए शेयर बाजार ने नई सरकार का जबरदस्त स्वागत किया.

गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले एग्जिट पोल में बीजेपी-एनडीए की भारी जीत का अनुमान आने के बाद सोमवार को शेयर मार्केट बल्लियों उछलने लगा और 10 साल की रिकॉर्ड बढ़त देखी गई. बीएसई सेंसेक्स में अंत में कारोबार करीब 1421 अंकों की जबर्दस्त उछाल के साथ बंद हुआ.

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सेंसेक्स में एक दिन में पिछले 10 साल की सबसे ज्यादा बढ़त देखी गई. निफ्टी भी 421 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ. इसे संभावित मोदी सरकार को बाजार को सलाम माना जा रहा है. बाजार को यह भरोसा है कि मोदी सरकार के फिर से आने से देश में आर्थि‍क सुधार और विकास का एजेंडा जारी रहेगा.

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