भारत मजबूत अर्थव्यवस्था के मुहाने पर, निवेश में सुधार एडेलवीस इंवेस्टमेंट रिसर्च में कहा

पूंजी बाजार एवं वित्त् बाजार पर अनुसंधान एवं परामर्श आदि सेवाएं देने वाली संस्था एडेलवीस इंवेस्टमेंट रिसर्च ने कहा है कि कोई भी अर्थव्यवस्था अपने सबसे मजबूत दौर में तब कही जाती है जब शेयर बाजार, बांड और जिंस बाजार में एक साथ तेजी.

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कम महंगाई, मुनाफा और वित्तीय बचतों में सुधार कम महंगाई, मुनाफा और वित्तीय बचतों में सुधार

BHASHA

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  • 14 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

नेशनल स्टाक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक निफ्टी अगले साल 11,500 रुपये तक पहुंच सकता है इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे मजबूत दौर में प्रवेश के मुहाने पर खड़ी है साथ ही शेयर बाजारों में भी तेज़ी आनी बाकि हैं. पूंजी बाजार एवं वित्त् बाजार पर अनुसंधान एवं परामर्श आदि सेवाएं देने वाली संस्था एडेलवीस इंवेस्टमेंट रिसर्च ने कहा है कि कोई भी अर्थव्यवस्था अपने सबसे मजबूत दौर में तब कही जाती है जब शेयर बाजार, बांड और जिंस बाजार में एक साथ तेजी हो.

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अनुसंधान रिपोर्ट में कहा गया है कि हमे पूरा यकीन है कि भारत मजबूत अर्थव्यवस्था के मुहाने पर खड़ा है. एडेलवीस इंवेस्टमेंट रिसर्च के अनुसार इस समय जो भी तेजी है उसमें उपभोग और निर्यात मांग की बड़ी भूमिका है. यह तेजी इस साल के शुरुआती महीनों में करेंसी की कमी होने कि वजह से आई हैं. हालांकि निवेश में सुधार है जबकि यह अभी सरकारी समर्थन पर है. जो पूरी अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त नहीं है लेकिन रेलवे, सड़क और बिजली पारेषण एवं वितरण जैसे क्षेत्रों के लिए यह बड़ा प्रभावी है.

शेयर बाजारों में तेजी को लेकर यह कहा गया है इन्हें कम महंगाई, मुनाफा और वित्तीय बचतों में सुधार से मदद मिलती है. हालांकि निफ्टी में निवेश के प्रतिफल की तुलना 10 साल के सरकारी बांड से करें तो शेयर बाजार अब भी आकर्षक लगते हैं. इससे यही लगता है कि बांड बाजार से धन का प्रवाह शेयरों की तरफ जारी रहेगा.

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रिपोर्ट में अगले साल निफ्टी के 11500 अंक के स्तर को छू लेने की संभावना व्यक्त की गयी है। निफ्टी अभी 9700 अंक के आस-पास है। 25 जुलाई को यह पहली बार 10 हजार अंक के स्तर को पार करने में सफल हुआ था जबकि अभी यह 9700 अंक के आस-पास है जो 25 जुलाई को पहली बार 10 हजार अंक के स्तर को पार करने में सफल हुआ था.

भारत की आर्थिक वृद्धि का इंजन माना जाने वाले व्यापार के बारे में अनुसंधान रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी के वैश्विक आर्थिक विकास से भारतीय निर्यात के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है इसमें कहा गया कि रुपये के मजबूत होने के बाद भी निर्यात बढ़ा हैं हमें उम्मीद है कि वैश्विक औद्योगिक गतिविधियों में हो रहे सुधार से निर्यात में वृद्धि बनी रहेगी. उसमें आगे कहा गया है कि देश में नोटबंदी के बाद सुस्त पड़े उपभोग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और यह दोपहिया तथा यात्री कारों की बिक्री में भी दिखा है इससे निवेश में सुधार होने की संभावना है इस रिपोर्ट के अनुसार, हमें यकीन है कि देश के मजबूत उपभोग से 2003-08 और उसके पहले के कई दौर की तरह निवेश में तेजी देखने को मिलेगी.

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