मोदी सरकार की नई मुश्किल! 3 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर बेरोजगारी दर

देश में आर्थिक सुस्‍ती के बीच बेरोजगारी को लेकर ताजा आंकड़े सरकार की चिंता बढ़ाने वाले हैं. आंकड़े बताते हैं कि लोग नौकरी की तलाश में हैं लेकिन उन्‍हें निराशा हाथ लग रही है.

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3 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर बेरोजगारी दर 3 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर बेरोजगारी दर

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 05 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST

जीडीपी समेत अन्‍य आर्थिक आंकड़ों की वजह से विपक्ष की आलोचना झेल रही नरेंद्र मोदी सरकार के सामने एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है. दरअसल, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में बेरोजगारी की दर 3 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर है. रिपोर्ट यह भी कहती है कि लोग रोजगार की तलाश कर रहे हैं लेकिन उन्‍हें निराशा हाथ लग रही है.

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अगस्‍त में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी

रिपोर्ट के मुताबिक अगस्‍त में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी रही, जो तीन साल का उच्‍चतम स्‍तर है. इससे पहले सितंबर 2016 में बेरोजगारी के आंकड़े इस स्‍तर पर पहुंचे थे. रिपोर्ट में अगस्‍त की साप्‍ताहिक बेरोजगारी दर के आंकड़े भी बताए गए हैं. इसके मुताबिक महीने के हर हफ्ते में बेरोजगारी की दर 8 से 9 फीसदी के बीच रही.

इससे एक महीने पहले जुलाई में साप्‍ताहिक बेरोजगारी दर 7 से 8 फीसदी के बीच रही थी. इस लिहाज से अगस्‍त महीने में हर हफ्ते बेरोजगारी 1 फीसदी तक बढ़ी है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अगस्‍त महीने में शहरी बेरोजगारी दर में 9.6 फीसदी पर था जबकि ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी के आंकड़े 7.8 फीसदी पर पहुंच गए.

रोजगार की क्‍या है हालत

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वहीं अगस्त 2019 में ग्रामीण इलाके की साल-दर-साल रोजगार में बढ़त देखने को मिली है और यह 2.9 फीसदी रही, जबकि शहरी इलाके में 0.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक अगस्‍त में श्रम भागीदारी दर में मामूली इजाफा हुआ है. इस महीने में श्रम भागीदारी दर 43.35 फीसदी पर है जो अक्‍टूबर 2018 में 42.46 फीसदी पर थी. रिपोर्ट कहती है कि नोटबंदी और जीएसटी के झटके से उबरने की वजह से श्रम भागीदारी दर बढ़ रही है लेकिन यह रोजगार दर के आंकड़ों से नहीं मिलती है. रिपोर्ट के मुताबिक लोग रोजगार की तलाश तो कर रहे हैं लेकिन उन्‍हें निराशा हाथ लग रही है. यह संकेत खतरे की घंटी है.

आर्थिक सुस्‍ती की वजह से जा रही नौकरियां

दरअसल, देश में आर्थिक सुस्‍ती का माहौल है. इस वजह से लगभग हर सेक्‍टर में छंटनी की खबरें आ रही हैं. बता दें कि बीते कुछ महीनों में देश के ऑटोमोबाइल सेक्‍टर में 2 लाख से अधिक नौकरियां चली गई हैं. इसी तरह टेक्‍सटाइल सेक्‍टर, एफएमसीजी सेक्‍टर और रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में भी नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

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