तेलंगाना की राजधानी बनने के बाद तेजी से हैदराबाद आगे बढ़ रहा है. इस सत्र में शामिल हुए लोगों ने दावा किया कि आने वाले दिनों में हैदराबाद न सिर्फ पब कल्चर में बंगलूरु की जगह लेने के लिए तैयार है बल्कि आईटी सेक्टर में भी केन्द्र बनने जा रहा है.
इस सत्र का संचालन करते हुए इंडिया टुडे टीवी के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने पूछा कि 2014 में तेलंगाना को अलग राज्य बनाते वक्त देश में सबसे बड़ा सवाल था कि कहीं इस फैसले के बाद आंध्रप्रदेश से निवेश का पलायन आसपास के राज्यों की तरफ होना शुरू हो जाएगा. लेकिन मौजूदा वक्त में राज्य के विभाजन का फैसला कितना इस खतरे को लेकर कितना सही या गलत साबित हुआ है?
राहुल के सवाल पर डॉ रेड्डी लैब के सीईओ जीवी प्रसाद ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के वक्त राज्य में उत्पादकता में गिरावट देखने को जरूर मिली थी. लेकिन तेलंगाना बनने के बाद निवेश भागने का खतरा पूरी तरह से बेबुनियाद साबित हुआ. प्रसाद के मुताबिक 2014 के बाद दोनों राज्यों को कारोबार में अच्छा सुधार देखने को मिला है.
इसी सवाल पर कर्वी ग्रुप के चेयरमैन सी पार्थासार्थी ने कहा कि आंदोलन के चलते दबाव महसूस करने पर उनकी कंपनी ने अपने कुछ ऑपरेशन को राज्य से बाहर ले जाने का फैसला लिया था. लेकिन नया राज्य बनने के बाद चीजें बड़ी तेजी से सामान्य होने लगी और मौजूदा समय में बड़े मेट्रो शहरों के मुकाबले हैदराबाद अपने छोटे आकार, कम ट्रैफिक और अच्छे मौसम के चलते फायदा उठाने लगा.
वेंचरईस्ट के फाउंडर सरथ नारू ने कहा कि पहले बंगलूरु को बाकी जगहों की अपेक्षा ज्यादा मौका मिलता था. बंगलुरू का पब कल्चर भी उसे आईटी हब बनाने में मदद कर रहा था. लेकिन मौजूदा समय में हैजराबाद में भी पब कल्चर तेजी से बढ़ रहा है जिससे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह शहर न सिर्फ पब कल्चर में बंगलुरू को पीछे थोड़ देगा बल्कि आईटी इनोवेशन क्षेत्र में बड़े निवेश को अपनी तरफ खींचेगा.
वही तेलंगाना के फैसले से निवेश के पलायन के खतरे पर तेलंगाना सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रजत कुमार ने कहा कि इस पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने बेहतरीन नीति तैयार की. राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत 15 दिनों में निवेश को मंजूरी देने का काम किया.
राहुल मिश्र