ब्रिटानिया की HC से गुहार, कोर्ट के स्टे से हो रहा है बड़ा नुकसान

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने दिल्ली हाई कोर्ट मे कहा है कि न्यूट्री च्वाइस डाइजेस्टिव जीरो बिस्कुट की पैकिंग पर लगाई गई रोक के कारण उनको व्यवसायिक हानि हो रही है,और उनके व्यवसाय में कमी आई है, उनके खिलाफ यह रोक हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने लगायी है.

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अब मामले पर 15 सितम्बर को होगी सुनवाई अब मामले पर 15 सितम्बर को होगी सुनवाई

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:34 AM IST

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने दिल्ली हाई कोर्ट मे कहा है कि न्यूट्री च्वाइस डाइजेस्टिव जीरो बिस्कुट की पैकिंग पर लगाई गई रोक के कारण उनको व्यवसायिक हानि हो रही है,और उनके व्यवसाय में कमी आई है, उनके खिलाफ यह रोक हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने लगायी है.

ब्रिटानिया ने हाई कोर्ट के 6 सितम्बर के आदेश को चुनौती दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कंपनी से कहा था कि वह अपने न्यूट्री च्वाइस डाइजेस्टिव जीरो बिस्कुट के लिए इस्तेमाल की जा रही पैकिंग पर रोक लगाए क्योंकि उनकी पैकिंग आईटीसी के सनफिस्ट बिस्कुट से मिलती है. इस मामले में अब 15 सितम्बर को सुनवाई होगी. हालांकि याचिकाकर्ता ने अगली सुनवाई तक उन्हें अंतरिम राहत देने की मांग की. ऐसे में अदालत ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह अगली सुनवाई पर मामले का ही निपटारा कर देगी.

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इससे पहले कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ब्रिटानिया मौजूद स्टोक को अगले चार हफ्ते में खत्म करें. कोर्ट ने ये आदेश ब्रिटानिया की प्रतिद्वंदी कंपनी आइटीसी लिमिटेड की याचिका पर दिया था. याचिकाकर्ता का आरोप था कि न्यूट्री च्वाइस की पैकिंग हूबहू उसके सनफिस्ट फॉर्मालाइट डाइजेस्टिव बिस्किट की तरह है, जो सही नहीं है. आइटीसी ने ये बिस्किट जुलाई 2016 में लॉन्च किया था. दोनों बिस्किट नीले व पीले रंग की पैकिंग में बेचे जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि ब्रिटानिया आइटीसी से अलग कोई भी पैकिंग अपना सकती है, एक जैसी पैकिंग ग्राहकों को भ्रमित करती है.

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