कोरोना वायरस की वजह देशभर में 3 मई तक के लिए लॉकडाउन लागू है. इस लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी को बड़ा नुकसान होने की आशंका है. इसका असर भारतीय करंसी रुपया पर भी दिख रहा है. बीते कुछ दिनों से लगातार रुपये में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की जा रही है. हर दिन यह डॉलर के मुकाबले अधिक कमजोर हो रहा है.
गुरुवार को क्या रहा हाल
गुरुवार की बात करें तो शुरुआती कारोबार में रुपया 36 पैसे गिरकर रिकॉर्ड नये निचले स्तर पर आ गया. रुपया नरमी के साथ 76.75 प्रति डॉलर पर खुला और कुछ ही देर में 36 पैसे गिरकर 76.80 प्रति डॉलर पर आ गया. यह करंसी के इतिहास का सबसे निचला स्तर है.बता दें कि बाजार में बुधवार को रुपया 17 पैसे टूटकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 76.44 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
क्या है वजह
रुपये में गिरावट की कई वजह है लेकिन इसमें सबसे अहम कोरोना वायरस है. कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव दिख रहा है. ऐसे में निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ गया है. इस हालात को भांप कर निवेशक सुरक्षित निवेश पर जोर दे रहे हैं.
प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में 1,358.66 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की. इस बीच, कच्चा तेल 1.44 प्रतिशत की तेजी के साथ 28.09 डॉलर प्रति बैरल चल रहा था.
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शेयर बाजार का क्या है हाल
भारतीय शेयर बाजार पर कोरोना वायरस का प्रकोप बरकरार है. इस हफ्ते सोमवार और बुधवार के कारोबार में सेंसेक्स 750 अंक से अधिक लुढ़क चुका है. इसी तरह निफ्टी में भी 150 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. बता दें कि मंगलवार को डॉक्टर आंबेडकर जयंती के मौके पर वित्तीय बाजार बंद थे.
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