चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ 2017 की पहली तिमाही में 6.9 फीसदी रही. यह पूर्व के विभिन्न अनुमानों की तुलना में बेहतर है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में स्थिरता आने का संकेत देता है. एएएफपी के एक सर्वेक्षण में विश्लेषकों ने भी आर्थिक वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.
गौरतलब है कि चीन में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन , निवेश और एक्सपोर्ट में सुधार दर्ज होने से 2017 की पहली तिमाही में जीडीपी आंकड़े मजबूत हुए हैं. पहले तीन महीनों के दौरान चीन की जीडीपी एक साल पहले 2016 के मुकाबले सतत 0.2 फीसदी की ग्रोथ दर्ज कर रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानकार इसे चीन की अर्थव्यवस्था में मजबूती लौटने का संकेत मान रहे हैं.
हालांकि 2017 के पहले तीन महीनों के दौरान चीन में खपत की स्थिति कमजोर रही. खपत में दर्ज गिरावट इस दौरान गाडियों की बिक्री में दर्ज हुई गिरावट बताई जा रही है. बहरहाल, चीन के पर्चेसिंग मैनेजर इंडेक्स में बीते दो महीने से लगातार हो रहे सुधार, पॉवर स्टेशन में बढ़ रही कोयले की खपत और क्रूड स्टील और सीमेंट उत्पादन के लगातार बढ़ने से जानकारों का मानना है कि देश के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी अच्छे संकेत मिल रहे हैं.
नेशनल ब्यूरो आफ स्टैटिक्स ने एक बयान में कहा, देश की अर्थव्यवस्था पहली तिमाही में मजबूत विकास की गति को बनाये रखी. बयान में कहा गया है कि सकारात्मक बदलाव जारी रहने से जो बड़े संकेत आ रहे हैं, वे उम्मीद से बेहतर है.
चीन सरकार ने 2017 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर करीब 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इसका कारण दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियों का होना है. वर्ष 2016 में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 फीसदी रही जो 1990 के बाद सबसे धीमी दर थी.
आंकड़ों के अनुसार चीन का औद्योगिक उत्पादन में मार्च में सालाना आधार पर 7.6 फीसदी की वद्धि हुई जो ब्लूमबर्ग न्यूज के 6.3 फीसदी अनुमान से अधिक है.
राहुल मिश्र