दिल्ली: एयरपोर्ट T3 पर कल से शुरू होगा बायोमीट्रिक 'चेहरे की पहचान' वाला सिस्टम

GMR कंपनी की ओर से संचालित दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DIAL) पर शुक्रवार से बायोमीट्रिक चेहरे की पहचान वाले सिस्टम का ट्रायल शुरू होगा.

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सुरक्षा के मद्देनजर बड़े कदम (Photo: File) सुरक्षा के मद्देनजर बड़े कदम (Photo: File)

पॉलोमी साहा

  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:09 PM IST

  • नए सिस्टम को पहले एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर परखा जाएगा
  • सिक्योरिटी स्क्रीनिंग के बाद यात्री सीधे बोर्डिंग ई-गेट का रुख कर सकते
  • DIAL ने भरोसा दिया है कि किसी भी यात्री का डेटा स्टोर नहीं होगा

GMR कंपनी की ओर से संचालित दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DIAL) पर शुक्रवार से बायोमीट्रिक चेहरे की पहचान वाले सिस्टम का ट्रायल शुरू होगा. ये सिस्टम विस्तारा एयरलाइंस के सहयोग से शुरू किया जाएगा. नए सिस्टम को पहले एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर परखा जाएगा. ट्रायल कामयाब रहने पर इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा और दिल्ली एयरपोर्ट के सभी टर्मिनल्स पर लागू किया जाएगा.  

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इस तकनीक में यात्रियों की एंट्री चेहरे की पहचान के आधार सभी चेक पाइन्ट्स पर स्वत: होगी. इनमें एयरपोर्ट एंट्री, सिक्योरिटी-चेक्स पर एंट्री और एयरक्राफ्ट बोर्डिंग भी शामिल है.

यात्री वैध फ्लाइट टिकट और सरकारी पहचान (ID) टर्मिनल 3 के रजिस्ट्रेशन कियोस्क पर दिखा कर चेहरे की पहचान के लिए एनरोलमेंट करा सकेंगे. इसके बाद कैमरा उनके चेहरे की डिटेल्स को पकड़ेगा. इस बीच कियोस्क पर मौजूद CISF सुरक्षाकर्मी यात्री के दस्तावेजों की खुद जांच करने के बाद सिस्टम से पुष्टि करेंगे.  

इसके बाद, यात्री प्रस्थान ई-गेट की ओर बढ़ सकते हैं. ये गेट चेहरे की पहचान वाले सिस्टम से लैस होने की वजह से क्लीयरेंस के बाद अपने आप खुल जाएगा. इसके बाद यात्री अपने बैग के साथ चेक-इन काउंटरों की ओर बढ़ सकते हैं. अगर उनके पास कोई बैग नहीं है, तो वे सीधे सिक्योरिटी चेक गेट की ओर बढ़ सकते हैं. ये गेट भी चेहरे की पहचान वाले सिस्टम से सज्जित होंगे.

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सिक्योरिटी स्क्रीनिंग के बाद यात्री सीधे बोर्डिंग ई-गेट का रुख कर सकते हैं. ये गेट भी चेहरे की पहचान साबित होने पर खुद ही खुल जाएगा. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने एक पुर्तगाली टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर कंपनी ‘विजन बॉक्स’ की तकनीकी मदद से ये पहल की है.

DIAL ने भरोसा दिया है कि किसी भी यात्री का डेटा स्टोर नहीं किया जाएगा. ये सिर्फ़ डिपार्चर (प्रस्थान) तक ही सिस्टम पर रहेगा. जैसे ही फ्लाइट रवाना होती है, रजिस्टर्ड यात्री का बायोमीट्रिक डेटा सिस्टम से मिट जाएगा. इससे निजता को कोई जोखिम जैसी संभावना नहीं रहेगी.

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