3 विदेशी बैंकों से कर्ज लेकर एयर इंडिया देगी VVIP को बोइंग की उड़ान

इस कर्ज के जरिए खरीदे गए तीन विमानों में से दो का इस्तेमाल देश में वीवीआईपी को उड़ान सेवा दी जाएगी. इन तीन विमानों में दो विमानों की डेलिवरी बोइंग द्वारा जनवरी में की जाएगी वहीं तीसरा बोइंग विमान फरवरी में एयर इंडिया के हवाले किया जाएगा.

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वीवीआईपी उड़ान सेवा वीवीआईपी उड़ान सेवा

राहुल मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

केन्द्र सरकार ने देश में वीवीआईपी को इंटरनैशनल स्तर की उड़ान सेवा मुहैया कराने के लिए यूएई स्थित फर्स्ट अबू धाबी बैंक, स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक और मशरेक बैंक से छोटी अवधि के लिए बड़ा कर्ज लिया है. इस कर्ज की मदद से केन्द्र सरकार की एविएशन कंपनी एयर इंडिया 3 बोइंग 777 की खरीद करेगी.

इस कर्ज के जरिए खरीदे गए तीन विमानों में से दो का इस्तेमाल देश में वीवीआईपी को उड़ान सेवा दी जाएगी. इन तीन विमानों में दो विमानों की डेलिवरी बोइंग द्वारा जनवरी में की जाएगी वहीं तीसरा बोइंग विमान फरवरी में एयर इंडिया के हवाले किया जाएगा.

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एयर इंडिया में विनिवेश की प्रक्रिया के बीच नवंबर 2017 में संशोधित टेंडर के जरिए 3,460 करोड़ रुपये के कर्ज पर ब्याज दर के लिए आवेदन मांगे थे. वहीं दिसंबर के दौरान एयर इंडिया ने 1,100 करोड़ रुपये के टेंडर के जरिए राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के इस्तेमाल में आ रहे 2 बोइंग विमानों में मॉडिफिकेशन के लिए निविदाएं जारी की थी.

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गौरतलब है कि एयर इंडिया ने 2006 में बोइंग से 68 हवाईजहाज खरीदने का करार किया था. इनमें 27 ड्रीमलाइनर, 15 बी777-300 ईआर, 8 बी777-200 एलआर और 18 बी737-800एस शामिल हैं. इस खरीदारी में एयर इंडिया ने फिलहाल 65 हवाई जहाजों की डेलिवरी प्राप्त कर ली है जिसमें 12 बी777-300 ईआर जहाज शामिल हैं.

खास बात यह है कि इस डील के तहत 3 बी777-300 ईआर विमानों की डेलिवरी को 2010 में एविएशन सेक्टर में छाई सुस्ती के बीच टाल दिया गया था. उस समय इस डील को पूरी तरह नहीं रद्द किया जा सका क्योंकि बोइंग के साथ 2006 में हुई डील में किसी तरह का कैन्सलेशन प्रावधान नहीं मौजूद था. लिहाजा, सितंबर 2015 में एयर इंडिया ने उक्त डील में बचे तीनों बोइंग विमानों को खरीदने का फैसला लिया. यह खरीद 2006 में तय कीमत पर होगी हालांकि अब एयर इंडिया को मौजूदा दरों पर कर्ज लेने की जरूरत है.

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