संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के गोल्डन वीजा नियमों में ढील की खबर के बाद भारत के मिडिल क्लास लोगों को उम्मीद जग रही है कि वो भी अब दुबई में बस सकते हैं. दुबई अपने बेहतरीन लाइफस्टाइल, ग्लोबल बिजनेस हब और टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए दुनिया भर में मशहूर है. पहले भी भारतीय यहां के रियल स्टेट सेक्टर में निवेश कर रहे थे. खासतौर पर अमीरों के लिए यहां दूसरा घर बन गया है जहां कई बड़ी हस्तियों के आलीशान बंगले वहां हैं. लेकिन क्या मिडिल क्लास लोगों के लिए भी ये इतना आसान है कि वो दुबई में अपना घर बना सकें.
यूएई सरकार ने गोल्डन वीजा नियमों को अब आसान बना दिया, जिसके तहत प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को 10 साल तक रेजिडेंसी मिल सकती है. दुबई में प्रॉपर्टी खरीदना दूसरे देशों की तुलना में आसान है. कई रियल एस्टेट एजेंसियां और डेवलपर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रॉपर्टी की जानकारी, फ्लोरप्लान, तस्वीरें और वीडियो आपसे शेयर करते हैं. वहीं कई कंपनियां प्रॉपर्टी खरीदने के लिए फाइनेंस की सुविधा भी देती हैं, जिससे डाउन-पेमेंट और EMI के जरिए प्रॉपर्टी लेना और आसान हो जाता है.
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अगर आप 2 BHK लेना चाहते हैं, तो आपको अपनी जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. दुबई के अलग-अलग इलाकों के हिसाब से अलग -अलग रेंज में प्रॉपर्टी मिल जाएंगीं.
दुबई सांइस पार्क (Dubai Science Park): 1,200,000.00 AED यानी भारतीय करेंसी में 2,79,96,336.00 रुपये पड़ेगा.
मरीना: 3 करोड़ से लेकर करोड़ रुपये देने होंगे.
दुबई डाउनटाउन: 2BHK की कीमत 4 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक पड़ेगा
दुबई में हर बजट और लाइफस्टाइल के लिए अलग-अलग इलाके हैं.
मरीना: लग्जरी अपार्टमेंट, समुद्र तट, के लिए मशहूर
डाउनटाउन दुबई: हाई-एंड लाइफस्टाइल पसंद करने वाले, बुर्ज खलीफा और दुबई मॉल के पास, शानदार लोकेशन,
जुमैरा बीच रेजिडेंस: बीचफ्रंट प्रॉपर्टी, पर्यटकों और निवासियों के लिए आकर्षक.
DAMAC हिल्स और दुबई हिल्स एस्टेट: खासियत: गोल्फ कोर्स, हरियाली, विला और अपार्टमेंट.
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दुबई में किराए पर रिटर्न 5-8% सालाना हो सकता है, जो भारत के महानगरों (1.5-2.5%) से कहीं ज्यादा है. दुबई में प्रॉपर्टी किराए से होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने से प्रॉपर्टी की मांग हमेशा बनी रहती है.
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